दुनिया की हर सोनल प्रिया के भाई की तरफ से एक खत! 'मुझे माफ कर दो..'

बिहार के मुजफ्फरपुर में हिमांशु नाम के एक शख्स ने अपनी पत्नी सोनल प्रिया और दो महीने के बेटे को जिंदा जलाकर मार डाला. उसकी पत्नी का कसूर सिर्फ इतना था कि वो अपने पति के अवैध संबंधों का विरोध कर रही थी. आर्मी का जवान हिमांशु अपनी पत्नी से 10 लाख रुपये दहेज मांग रहा था. आपको इस लेख के जरिए दुनिया की हर सोनल प्रिया के भाई के उस दर्द से रूबरू करवाते हैं, जिसे उसने एक खत में पिरोने की कोशिश की है.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Jul 9, 2023, 05:09 PM IST
  • आर्मी के जवान ने अपनी बीवी और बच्चे को जिंदा जलाया
  • हर उस भाई की चिट्ठी, 'मेरी बहन का सुहाग उसका कातिल है'
दुनिया की हर सोनल प्रिया के भाई की तरफ से एक खत! 'मुझे माफ कर दो..'

सोनल प्रिया का पति हिमांशु आर्मी का जवान है, जो राजस्थान के जोधपुर में तैनात था. शादी को 10 साल बीत चुके थे. सोनल प्रिया और हिमांशु के दो बच्चे भी थे. बेटी 8 साल की हो चुकी है और बेटा सिर्फ 2 महीने पहले ही इस दुनिया में आया था. हिमांशु अपनी अक्सर पत्नी को तलाक देने की धमकी देता था, 10 लाख रुपये दहेज मांगता था. वो कहता था कि 'जब शादी हुई थी, तब मैं नौकरी नहीं करता था अगर मैं सेना की नौकरी उस वक्त कर रहा होता तो ज्यादा दहेज देना पड़ता. उस वक्त नहीं दिए, अब दे दो जब नौकरी लग गई है.' अक्सर सोनल के साथ मारपीट भी करता था. एक रात उसने इस राज़ का खुलासा कर ही दिया कि वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ शादी करना चाहता है, हद तो तब हो गई जब उसने उस रात अपनी गर्लफ्रेंड को घर पर ही रुकने के लिए बुला लिया. सोनल ने इसका विरोध किया, तो उसने बीवी और बच्चों को आग के हवाले कर दिया.

दुनिया की हर सोनल प्रिया के भाई की तरफ से एक खत! हिमांशु जैसे पति के लिए..

हिमांशु,
मैं तुम्हें 'प्रिय' लिखकर संबोधित नहीं कर सकता हूं, मगर जिस तरह तुमने मेरी बहन सोनल प्रिया को अपनी लालच की आग में झोंक दिया. उसके बाद से मैं बार-बार खुद से यह सवाल पूछ रहा हूं कि 'अब मेरे जिंदा रहने का भला क्या मतलब है?'

मैं जब इस पत्र को लिखना शुरू कर रहा हूं तो मेरे हाथ कांप रहे हैं और मेरा हृदय नकानक भरा हुआ है. मुझे अपनी बहन की हर चीख सुनाई दे रही है, जब वह आग में झुलस रही थी. दिल यह दुआ कर रहा है कि काश मेरे कान के पर्दे फट जाएं और मैं बहरा हो जाऊं. मैं अपनी आंखें खुली रखूं या बंद करूं मेरे सामने वो दृश्य बार-बार आ रहा है, जब मेरी बहन अपने बच्चों के साथ आग के लपेटे में जल रही थी. तड़प-तड़पकर मेरी बहन और दो महीने के भांजे की सांसें उखड़ गईं और मैं कुछ नहीं कर सका. तुम ही बताओ न अब मेरे जिंदा रहने का क्या मतलब है? तुमने चंद कागज के नोटों की खातिर उसे जला दिया, अवैध संबंध की खातिर उसे मार डाला और ये तक नहीं सोचा कि इस दुनिया का हर भाई अब अपनी बहन की शादी करने से पहले कितना सहम जाएगा.

दस साल पहले जब मैंने अपनी बहन का हाथ तुम्हारे हाथ में दिया था, तो तुमने सबके सामने 'सात वचन' निभाने का वादा किया था. तुमने सिर्फ मेरी बहन को नहीं जलाया है, बल्कि उस भरोसे का भी कत्ल कर दिया जो एक बेटी अपनी शादी के वक्त इन सात वचन के चलते अपने पिता जितना भरोसा एक अंजान शख्स पर कर लेती है और खुद को उसे सौंप देती है, उसे ईश्वर मान बैठती है. सारी जिंदगी उसके नाम का सिंदूर लगाती है, गले में उसके नाम का मंगलसूत्र पहनती है और अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए तीज, करवा चौथ जैसे व्रत रखती है. मेरी बहन को भला क्या मालूम था कि उसका सुहाग ही उसका कातिल बन जाएगा. सच बताना... क्या मेरी बहन की मांग का सिंदूर, उसके गले में लटके मंगलसूत्र को देखकर उस वक्त तुम्हारे हाथ जरा भी नहीं कांपे? क्या तुम्हें उस भूख-प्यास का एहसास तक नहीं हुआ, जो हर साल मेरी बहन तुम्हारी लंबी आयु के लिए सहती थी?

मेरी बहन से शादी के बाद जब तुम्हारी नौकरी सेना में लगी, तो मैं खुशी से फूले नहीं समा रहा था. सारे रिश्तेदारों और पड़ोसियों को बताने में फक्र महसूस होता था कि मेरा जीजा सरहद पर देश की सुरक्षा करता है. सेना की वर्दी पहनकर सीमा पर देश के दुश्मनों से लोहा लेता है. जब तुम्हारा खूनी चेहरा सबके सामने आया, तो दुनियावालों की नजर में एक सैनिकों की छवि कैसी हो गई होगी. तुमने सिर्फ मेरी बहन का कत्ल नहीं किया बल्कि सेना की उस वर्दी को भी दागदार कर दिया, जिसे पहनकर एक जवान अपने भारत मां की रक्षा करता है.

हिमांशु.. तुमने सिर्फ मेरी बहन और अपनी पत्नी का कत्ल नहीं किया, बल्कि अपनी 8 साल की बेटी के मन में एक ऐसे डर को जन्म दे दिया है जिससे अब वह सारी जिंदगी पिता और पति नाम के रिश्ते को सुनते ही खौफजदा हो जाएगी. अब शायद ही कभी वो किसी पिता और पति पर यकीन कर पाएगी.

सच कहूं तो आज तुमसे ज्यादा मुझे खुद पर गुस्सा आ रहा है कि मैंने तुम्हारे भीतर छिपे उस दरिंदे चेहरे को क्यों नहीं देखा. तुमने जब पहली बार मेरी बहन के साथ मारपीट की थी, तब मेरी आंखें क्यों नहीं खुली, मैंने अपनी बहन को उस वक्त क्यों चुप करा दिया? मैं उसे समझाता रहता था कि ये पति-पत्नी का निजी मामला है, वो रो-रोकर अपने दर्द बताती थी और मैं उसे झूठा दिलासा देता रहता था कि सब ठीक हो जाएगा. बार-बार अपनी बहन से कहता था कि तुम कोई गलत कदम मत उठाना, वरना बदनामी हो जाएगी वगैरह-वगैरह.. सबसे बड़ा कसूरवार तो मैं हूं, जिसने भाई होने का फर्ज ही नहीं समझ सका. मैं रक्षाबंधन पर किए अपने वादे को निभा नहीं सका. अपनी बहन की रक्षा करने के बजाय मैंने उसे दर्द सहने का आदी बना दिया था. हम अपनी बहन-बेटियों को हमेशा पीड़ा सहने की हिम्मत देते हैं, दर्द सहन करने की सलाह देते हैं. रिश्ता न टूट जाए इसलिए सहनशील बने रहने का मशवरा देते हैं. उसे बार-बार ये समझाते हैं कि तुमने ऐसा किया तो लोग क्या कहेंगे? तुमने वैसा किया तो समाज क्या कहेगा? सहते-सहते अगर मेरी बहन अपने लालची पति की दरिंदगी का शिकार हो गई और आग में झुलस गई, तो इसका जिम्मेदार मैं ही हूं. मेरे जैसे दुनियाभर में न जाने कितने भाई हर दिन अपनी बहनों को सहनशील बनाने के चक्कर में अंदर ही अंदर उसे खोखला कर रहे हैं और उसके लालची, बेशर्म पति के नापाक इरादों को मजबूत कर रहे होता हैं. हम अपनी बहन की हिम्मत बढ़ाने के बजाए, उसके लालची पति की हिम्मत और लालसा बढ़ाते रहते हैं.

दुनिया की सभी स्त्रियों की तरह मेरी बहन भी अन्याय सहती रही, उसका जिम्मेदार मैं हूं. अन्याय और जुल्म के खिलाफ मेरी बहन ने भी चुप्पी साध ली और उफ़ तक नहीं किया, आवाज तक नहीं उठाई, उसकी खामोशी का कसूरवार मैं हूं. बहन तुम्हें मेरी बात सुनकर चुप नहीं रहना चाहिए था, हिम्मत दिखानी चाहिए थी और प्रताड़ना की शुरुआत से ही लड़ना चाहिए था. तुम्हारा असल गुनहगार मैं हूं. 'बहन, मुझे माफ कर दो...'

'दहेज के चलते प्रतिदिन करीब 20 मौतें हुईं'
सोनल प्रिया कोई पहली नहीं है, जिसे उसके अपने सुहाग और ससुरालवालों ने मार डाला. दहेज एक ज़हर है, जो एक आर्मी जवान को भी भेड़िया बनाने की क्षमता रखता है. दहेज और प्रताड़ना के खंजर से हमारे देश में हर दिन लगभग 20 बेटियों की हत्या कर दी जाती है. दिसंबर, 2022 में सामने आए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 से 2021 के बीच दहेज की वजह से हर दिन करीब 20 मौत के मामलों की जानकारी मिली.

वर्ष 2022 के दिसंबर महीने में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि देश में 2017 से 2021 के बीच दहेज की वजह से मौत के 35,493 मामलों का पता चला है.

वर्ष दहेज से मौत के मामले
2017 7,466
2018 7,167
2019 7,141
2020 6,966
2021 6,753

'दूल्हा खड़ा बाजार में, बोली लगाओ..'
स्त्रियों का क्या है, वह तो शादी के कुछ घंटों की रस्म-ओ-रिवाज, मंत्र, चंद वचन और प्रथाओं के बाद अपने पति को परमेश्वर का दर्जा दे देती हैं. शादी करने के लिए दहेज मानिए कम्पलसरी सेक्शन है. शादी से पहले ऐसा लगता है दूल्हे पर बोली लग रही है. सही रेट फिक्स करने के बाद ही बात आगे बढ़ सकती है. उन मां-बाप को सावधान होने की जरूरत है, जो अपनी बेटी की शादी के लिए 40-50 लाख रुपये आसानी से फूंक देते हैं. मुंह मांगी रकम दहेज में दे देते हैं.

'दूल्हा खड़ा बाजार में, बोली लगाओ..' पढ़ने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन आज का सच यही है कि शादी के नाम पर धंधा चल रहा है. मां-बाप अपनी बेटियों को लाखों रुपये देकर बेंच देते हैं. दूल्हे और उसके लालची परिवार की नजर में बहू एक ATM है. जिससे जब-चाहे तब पैसे निकलवा लो. हिमांशु ने भी अपनी पत्नी सोनल प्रिया को भी शायद इसलिए ही मार डाला क्योंकि उसे दूसरी एटीएम मशीन मिल रही थी, वो भी नई नवेली.. जिससे शादी करने के लिए अपनी पत्नी और बच्चों तक को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया.

हम बेटियों के सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन ये भूल जाते हैं कि कुछ कुप्रथाओं को हम खुद ही बढ़ावा दे रहे हैं. समाज की ऐसी कुप्रथाओं के चलते बेटियां लगातार यातनाओं का शिकार हो रही हैं. हम बेटियों और महिलाओं के सशक्तिकरण के दावे करते हैं, नारी सशक्तिकरण के कैंपेन चलाते हैं, मगर क्या कभी हमने ये सोचा है कि नारी खुद एक शक्ति है. एक शक्ति का सशक्तिकरण कैसे किया जा सकता है. नारी की शक्ति और सहनशीलता ने ही इस दुनिया को बजाए रखा है, वरना 9 महीने अपनी कोख में बच्चे को पालने की क्षमता किसी और के पास नहीं है. नारी हर वो दर्द सह सकती है, जिसे कोई दूसरा महसूस भी नहीं कर सकता. दुनिया की हर सोनल प्रिया अपने पति हिमांशु को जवाब देने में सक्षम है. बशर्ते उसे प्रताड़ना सहने की नहीं, बल्कि उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत जुटानी होगी.

(नोट- यह खत अभी तक मिले साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर आयुष सिन्हा की कलम से लिखा गया है.)

ट्रेंडिंग न्यूज़