नई दिल्लीः Army Recruitment: सेना में भर्ती का इंतजार कर रहे देश के नौजवानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. सरकार जल्द ही सेना में रुकी हुई भर्ती को खोलने जा रही है. लेकिन इस बार भर्ती के लिए सरकार एक नए रिक्रूटमेंट प्लान पर काम कर रही है.
कैबिनेट की मंजूरी के बाद होगी लागू
ये योजना 'अग्निपथ' के नाम से जानी जाएगी और इसमें सैनिकों को महज चार साल ही सेना में नौकरी करने का विकल्प दिया जाएगा. माना जा रहा है कि बुधवार यानी 8 जून को अगर कैबिनेट इस योजना को हरी झंडी दे देती है तो इसे जल्द देश में लागू कर दिया जाएगा.
पिछले सप्ताह शीर्ष नेतृत्व के समक्ष रखा गया था ड्राफ्ट
जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स इन दिनों सेना में भर्ती के लिए नई योजना पर काम कर रहा है. पिछले हफ्ते इस प्लान का ड्राफ्ट तैयार कर देश के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष रखा गया था. सरकार की तरफ से प्लान को स्वीकार कर लिया गया है. ऐसे में अगर पीएम के नेतृत्व वाली कैबिनेट में इसे पास कर दिया गया तो सेना में भर्ती जल्द शुरू हो सकती है.
जानिए अग्निपथ योजना के बारे में
1. नई भर्ती योजना को 'अग्निपथ' के नाम से जाना जाएगा और इसके तहत भर्ती होनें वाले सैनिकों को 'अग्निवीर' का नाम दिया जा सकता है.
2. सेना में भर्ती मात्र चार साल के लिए होगी.
3. चार साल बाद सैनिकों की सेवाओं की समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद कुछ सैनिकों की सेवाएं आगे बढ़ाए जा सकती हैं. बाकी को रिटायर कर दिया जाएगा.
4. चार साल की नौकरी में छह-नौ महीने की ट्रेनिंग भी शामिल होगी.
5. रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी, बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी.
6. खास बात यह कि अब सेना की रेजिमेंट्स में जाति, धर्म और क्षेत्र के हिसाब से भर्ती नहीं होगी, बल्कि देशवासी के तौर पर होगी. यानी कोई भी जाति, धर्म और क्षेत्र का युवा किसी भी रेजिमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा.
7. योजना को अगर जल्द हरी झंडी मिल जाती है तो इस साल अगस्त के महीने से सेना (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) में भर्तियां शुरू हो जाएंगी.
8. अग्निपथ स्कीम के एलान के बाद तीन से छह महीने के भीतर भर्ती रैली शुरू की जाएगी.
9. बैटल कैजुअल्टी में सैनिक के परिवार को इंश्योरेंस और एक्सग्रेशिया राशि मिलेगी.
10. अग्निपथ स्कीम के ऐलान के बाद तीन से छ महीने के भीतर भर्ती रैली शुरू होगी.
11. अग्निपथ स्कीम के तहत पहले साल 40 हजार थल सेना, 3 हजार नौसेना और 3500 वायुसेना में सैनिक भर्ती किए जाएंगे.
12. दूसरे साल भी इतनी ही संख्या में भर्तियां होंगी. तीसरे साल थलसेना में 45 हजार, नौसेना में 3 हजार और वायुसेना में 4400 भर्तियां होंगी.
13. चौथे साल में थलसेना में 50 हजार, नौसेना में 3 हजार और वायुसेना में 5300 भर्तियां होंगी.
14. अगर इस चार साल के अग्निपथ के दौरान बैटल कैजुअल्टी होती है तो इंश्योरेंस के तौर पर 48 लाख रुपये और एक्सग्रेशिया राशि के तौर पर 44 लाख रुपये, सेवा निधि फंड में जमा पैसा और और बाकी बची नौकरी की सैलरी उस सैनिक के परिवार को दी जाएगी.
15. अगर कोई घायल हो जाता है और वो सेना में सेवा देने के लिए समर्थ नहीं होता है तो उसे इंश्योरेंस के पैसे में से डिसेबिलिटी के आधार पर राशि मुहैया कराई जाएगी. साथ ही सेवा निधि फंड में जमा पैसा और बाकी बची नौकरी की सैलरी उस सैनिक को दी जाएगी.
जनरल रावत कर रहे थे टूर ऑफ ड्यूटी प्लान पर काम
आपको बता दें कि तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत सेना के अधिकारियों के लिए टूर ऑफ ड्यूटी प्लान पर काम कर रहे थे, जिसके तहत सेना में अधिकारिओं को मात्र तीन साल के लिए सेवाएं देनी थीं, लेकिन जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश में हुई मौत के बाद से ये योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी. लेकिन सरकार अब अधिकारियों के साथ-साथ सैनिकों के पदों के लिए भी इसी तर्ज पर 'अग्निवीर' योजना को लाने का प्लान तैयार कर रही है.
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