'छात्रों को इस मानसिकता से बाहर आना चाहिए', अमित शाह ने कहा- ये सीखना बहुत जरूरी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी भाषा के कमतर होने की मानसिकता से बाहर आने के महत्व को रेखांकित करते हुए सोमवार को कहा कि बच्चे मातृभाषा में ही बेहतर ढंग से सोच सकते हैं और नयी शिक्षा नीति में मातृभाषा को महत्व दिया गया है

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 30, 2023, 08:33 PM IST
  • जानिए क्या बोले अमित शाह
  • छात्रों को दी ये खास सीख
'छात्रों को इस मानसिकता से बाहर आना चाहिए', अमित शाह ने कहा- ये सीखना बहुत जरूरी

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी भाषा के कमतर होने की मानसिकता से बाहर आने के महत्व को रेखांकित करते हुए सोमवार को कहा कि बच्चे मातृभाषा में ही बेहतर ढंग से सोच सकते हैं और नयी शिक्षा नीति में मातृभाषा को महत्व दिया गया है. 

छात्रों से की ये खास अपील
शाह ने एक अखबार की अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति के लिए चयनित विद्यार्थियों को यहां अक्षय ऊर्जा भवन में संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ विदेशी भाषा पढ़िए. यह व्य​क्कितव विकास के लिए जरूरी है. लेकिन अपनी भाषा कमतर है या पिछड़ी हुई है, इस मानसिकता से बाहर आना है. अगर हम अपनी भाषा को आगे बढ़ाते हैं तो यह हमें आगे बढ़ने में सहायक होगी. 

बताया आपके लिए ये बेहतर
अख़बार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार शाह ने कहा कि इतिहास की किताबों के दायरे से बाहर जाकर पढ़ेंगे तो मालूम पड़ेगा कि हमारा देश हर क्षेत्र में दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर था तथा नवाचार, अनुसंधान एवं विकास और यहां तक कि चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भी हमारा देश दुनिया में सबसे उपर था. गृह मंत्री ने कहा कि आज के बच्चों के मन में होता है कि वे दुनिया के विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में जाकर पढ़ाई करें.

हमने पूरी दुनिया में लोहा मनवाया
उन्होंने कहा कि नालंदा, तक्ष​​शिक्षा व विक्रमादित्य विश्वविद्यालय ने पूरी दुनिया में ज्ञान के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया था. उन्होंने कहा कि शून्य की खोज आर्यभट्ट ने की थी, रोग का निदान सबसे पहले चरक संहिता में बताया गया और सुश्रुत ने भी शरीर के विज्ञान की बारीकियों को दुनिया के सामने रखा.

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शाह ने कहा कि पिछले 75 साल में सभी सरकारों ने देश को आगे बढ़ाया, लेकिन 2014 से इन आठ सालों के बीच न सिर्फ देश के आगे बढ़ने की गति तेज हुई ब​ल्कि आम लोगों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के काम भी हुए हैं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जब भारत आजादी की शताब्दी मना रहा होगा तब वह विश्व में हर क्षेत्र में सबसे आगे होगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश के युवाओं के लिए विश्व के युवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा के सारे मंच तैयार कर दिए हैं और अब उन्हें खुद को तैयार करना है. उन्होंने कहा कि वे खुद को तैयार करें और पूरा विश्व स्वागत करने को तैयार है.

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