नई दिल्लीः गुजरात में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक भूपेंद्र भयानी ने बुधवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि लोगों की सेवा करने के लिए ‘आप’ सही मंच नहीं था. इस घटनाक्रम को ‘आप’ के लिए एक झटका माना जा रहा है. भयानी राज्य विधानसभा में जूनागढ़ के विसावडर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. एक अधिकारी ने बताया कि विधायक भयानी ने गांधीनगर में सुबह गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को अपना इस्तीफा सौंपा.
अरविंद केजरीवाल पर साधा निशाना
गुजरात विधानसभा के सचिव डी एम पटेल ने कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष ने भयानी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.’’ इस्तीफा देने के बाद भयानी ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले ‘आप’ से भी इस्तीफा दे दिया है और वह जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे. भयानी पिछले साल विधानसभा चुनाव में चुने गए आम आदमी पार्टी (आप) के पांच विधायकों में से एक थे. इस चुनाव में 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 156 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया था. यह पहली बार था जब आप ने राज्य विधानसभा चुनाव में कोई सीट हासिल की थी.
क्या बोले भयानी
भयानी ने दावा किया कि ‘आप’ लोगों की सेवा करने का सही मंच नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक राष्ट्रवादी व्यक्ति हूं जो विकास और लोगों की सेवा में विश्वास करता है. आम आदमी पार्टी मेरे क्षेत्र के लोगों की सेवा करने के लिए सही मंच नहीं था. कोई भी राष्ट्रवादी आप में लंबे समय तक नहीं रह सकता.’’ पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले आप में शामिल होने से पहले जूनागढ़ के भेसन गांव के सरपंच रहे भयानी ने कहा, ‘‘इसके अलावा, मुझे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध करना पसंद नहीं था, जो हमारे गौरव हैं और जिन्होंने दुनिया भर में भारत को गौरवान्वित किया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जल्द ही भाजपा में शामिल हो जाऊंगा क्योंकि मैं मूल रूप से उस पार्टी से हूं और विधायक बनने से पहले करीब 22 साल तक इसके लिए काम किया था. अगर केंद्रीय नेतृत्व चाहेगा तो मैं उपचुनाव लड़ूंगा.
मुझ पर पद छोड़ने का कोई दबाव नहीं था (जैसा कि आप नेताओं ने दावा किया है).’’ आम आदमी पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने दावा किया कि भयानी को भाजपा ने ‘प्रताड़ित’ किया और आप विधायक पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया. उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा शुरू से ही आप को तोड़ने की कोशिश कर रही है. पिछले साल चुनाव के तुरंत बाद सत्तारूढ़ भाजपा ने भयानी से संपर्क किया था और उनसे पाला बदलने को कहा था. भाजपा ने दावा किया था कि आप के दो अन्य विधायक भी तैयार हैं और अगर पांच में से तीन विधायक पाला बदल लेते हैं तो दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा.’’
उन्होंने कहा कि जब भयानी ने इनकार कर दिया, तो उन्हें प्रताड़ित किया गया और इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. गुजरात भाजपा के मीडिया समन्वयक यग्नेश दवे ने गढ़वी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि आप नेतृत्व इस तरह के आरोप लगा रहा है क्योंकि वे अपने कुनबे को एकजुट नहीं रख सके.
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