नई दिल्ली. भारत अब चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन चुका है. इस बीच बार-बार एक नैरेटिव यह भी प्रचारित किया जाता है कि देश में मुस्लिमों की आबादी एक दिन हिंदुओं से ज्यादा हो जाएगी! अगर धार्मिक आधार पर आबादी की बात करें तो बीते दशकों के दौरान सभी धर्मों के लोगों की जनसंख्या बढ़ी है. मसलन 2011 की जनगणना के मुताबिक 1951 से हिंदू 30 करोड़ से 96 करोड़ हो चुके हैं वहीं मुसलमानों की आबादी 3.5 करोड़ से बढ़कर 17.2 करोड़ हो गई. ईसाई जनसंख्या 80 लाख से 2.8 करोड़ हो चुकी है. वहीं सिखों की आबादी 2.08 करोड़ है.
1- गणितीय मॉडल ने नकारी बेतहाशा मुस्लिम आबादी बढ़ने की बात
देश की आबादी को लेकर स्पष्ट कह पाना कठिन काम है क्योंकि 2011 से जनगणना नहीं हुई है. लेकिन क्या यह संभव है कि मुस्लिम आबादी एक दिन हिंदू आबादी से अधिक हो जाए? एक्सपर्ट्स इस राय को पूरी तरह नकारते हैं. जैसे देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी अपनी किताब The Population Myth: Islam, Family Planning and Politics in India में लिखते हैं- भारत में मुस्लिम आबादी कभी हिंदुओं की आबादी से ज्यादा नहीं हो सकती. इस किताब दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर दिनेश सिंह और प्रोफेसर अजय कुमार गणितीय मॉडल का हवाला भी दिया गया है.
2- असाधारण ग्रोथ की बात बेमानी
किताब में कहा गया है कि दोनों समुदाय की जनसंख्या में असाधारण ग्रोथ की बात को भी नहीं माना जा सकता है क्योंकि फैमिली प्लानिंग प्रोग्राम ने इस दर में कमी लाई है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसवाई कुरैशी ने किताब के हवाले से कहा था-दिनेश सिंह और अजय कुमार के मॉडल के साफ बता दिया है कि मुस्लिमों की आबादी एक हजार साल में भी हिंदुओं से ज्यादा नहीं हो सकती.
3- मुस्लिम प्रजनन दर हिंदुओं से ज्यादा लेकिन लगातार घट रही
उन्होंने कहा-यह सच मुस्लिम आबादी बढ़ने की दर हिंदुओं से ज्यादा है. लेकिन दोनों समुदायों की जनसंख्या में अंतर इतना बड़ा है कि ज्यादा दर के बावजूद मुस्लिम आबादी कभी अधिक नहीं हो पाएगी.
4- सच्चर कमेटी का अनुमान, 18-20 प्रतिशत हो जाएगी मुस्लिम आबादी
अगर सच्चर कमेटी की रिपोर्ट की बात करें तो इसके पूर्वानुमान के मुताबिक सदी के अंत तक देश में मुस्लिम आबादी 18-20 प्रतिशत तक हो सकती है. PEW की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मुस्लिमों में प्रजनन दर हिंदुओं की तुलना में ज्यादा तो है लेकिन इसमें बीते दशकों में तेजी के साथ कमी आई है.
5- अगली जनगणना में और कम हो सकती है प्रजनन दर
पॉपुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्सपर्ट डॉ. देवेंद्र कोठारी के मुताबिक वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर कहा जा सकता है अगली जनणना में मुस्लिम आबादी में प्रजनन दर में और ज्यादा कमी आ सकती है.
इसे भी पढ़ें- स्वर्ग से आया ये पेड़ रातों रात बना देगा धनवान, धरती पर आज भी है मौजूद
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.