जब सरकारी कर्मचारी की 3 पत्नियां उतरीं पंचायत चुनाव में, तब खुली गुप्त शादी की पोल

सुखराम सिंह की दो पत्नियां - कुसुमकली सिंह और गीता सिंह - पिपरखांड ग्राम पंचायत से सरपंच पद के लिए एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. एक अन्य पत्नी उर्मिला सिंह भी पेड़रा जनपद पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ रही हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 20, 2022, 01:17 PM IST
  • सचिव ने अपनी तीसरी पत्नी के बारे में जानकारी छिपाई
  • तब उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है
जब सरकारी कर्मचारी की 3 पत्नियां उतरीं पंचायत चुनाव में, तब खुली गुप्त शादी की पोल

सिंगरौली (मप्र): मध्यप्रदेश में सिंगरौली जिले एक अनोखा मामला सामने आया है. पंचायत चुनाव का नामांकन हुआ तो पता चला कि ग्राम पंचायत सचिव की तीन पत्नियां चुनाव मैदान में उतर गईं. तब जाकर पता चला कि पंचायत सचिव ने गुप्त विवाह कर रखा है. अधिकारियों ने उस ग्राम पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. 

रिपोर्ट के अनुसार सुखराम सिंह की दो पत्नियां - कुसुमकली सिंह और गीता सिंह - पिपरखांड ग्राम पंचायत से सरपंच पद के लिए एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. गीता सिंह पहले इसी ग्राम पंचायत की सरपंच रह चुकी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सुखराम सिंह की एक अन्य पत्नी उर्मिला सिंह भी पेड़रा जनपद पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ रही हैं. 

नामांकन पत्र में तीनों ने लिखा पति का नाम
अधिकारी ने कहा कि यह कार्रवाई तब शुरू की गई जब सचिव ने अपनी तीसरी पत्नी के बारे में जानकारी छिपाई. अधिकारी ने बताया कि तीन महिलाओं ने चुनाव के लिए जमा किए गए अपने नामांकन पत्र में पति के रूप में ग्राम पंचायत सचिव सुखराम सिंह के नाम का उल्लेख किया है. इनमें से दो सरपंच के पद के लिए एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं, जबकि तीसरी जनपद सदस्य प्रत्याशी है. 

अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश
देवसर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) बीके सिंह ने जिला पंचायत के सीईओ को रिपोर्ट सौंपकर सुखराम सिंह के खिलाफ निलंबन सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है. बीके सिंह ने कहा कि विभाग के सभी कर्मचारियों को अपने परिवार के सदस्यों या पंचायत चुनाव लड़ने वाले रिश्तेदारों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया था.

उन्होंने कहा कि हालांकि, ग्राम पंचायत घोघरा के सचिव सुखराम सिंह ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग को अपनी दो पत्नियों के चुनाव लड़ने के बारे में सूचित किया, लेकिन तीसरी पत्नी गीता सिंह के बारे में जानकारी छिपाई. सीईओ ने कहा कि सुखराम सिंह ने तीनों पत्नियों का पति होना स्वीकार किया है, उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया. 
 

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