नई दिल्ली: देश में आम लोगों तक लीगल सर्विस की पहुंच बनाने और कानूनी जागरूकता के लिए नालसा की ओर से देशव्यापी अभियान शुरू किए गए हैं. नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष और देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नामित जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने एक वर्चुअल माध्यम से आयोजित समारोह में इन दो अभियानों का शुभारंभ किया.
नालसा की ओर से दो अभियान शुरू किए गए
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से अगले दो सप्ताह तक आयोजित होने वाले इस पैन इंडिया कैंपेन के तहत दो अभियान शुरू किए गए, जिनमें देश में आम जनता के बीच कानूनी जागरूकता फैलाने और पात्र लाभार्थियों को कानूनी अधिकारों का वितरण सुनिश्चित करने, संस्थानों और वंचितों के बीच की खाई को पाटने के लिए 'कानूनी जागरूकता और आउटरीच के माध्यम से नागरिकों का सशक्तिकरण' अभियान का आगाज किया गया है.
वहीं, आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में देशभर की जेलों और बाल संरक्षण केंद्रों में बंद व्यक्तियों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए हक हमारा भी तो है, अभियान शुरू किया गया है.
'अक्षम लोगों में क्षमता पैदा करना है लक्ष्य'
समारोह को संबोधित करते हुए जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दो सप्ताह के अखिल भारतीय अभियान को शुरू करने का लक्ष्य जमीनी स्तर पर सही काम करना और अक्षम लोगों की क्षमता का निर्माण करना है. नालसा की नींव जन जागरूकता, समान अवसर और सुपुर्दगी योग्य न्याय की त्रिमूर्ति पर आधारित है.
कानूनी सेवा संस्थानों का आधार समाज के सबसे कमजोर सदस्यों को सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाली कानूनी सेवाएं प्रदान करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी नागरिक उनकी वित्तीय स्थिति या अन्य बाधाओं के कारण न्याय तक पहुंच से वंचित न रहे. दो सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत देश की प्रत्येक ग्राम पंचायत तक पहुंचने का प्रयास होगा.
विशाल कानूनी जागरूकता शिविर किया जाएगा आयोजित
जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि कानूनी जागरूकता और आउटरीच के माध्यम से नागरिकों का सशक्तिकरण अभियान का उद्देश्य समाज के हाशिये के तबके तक कानूनी सहायता की पहुंच बनाना है. इस अभियान के तहत देश के हर जिले में नालसा मॉड्यूल पर एक विशाल कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा. वहीं, आउटरीच टीमों की ओर से दो सप्ताह के अंतराल में कम से कम एक बार प्रत्येक ग्राम पंचायत और गांवों के उपखंडों का दौरा करेंगे.
शिविर और दौरे के दौरान संविधान के तहत परिकल्पित मौलिक अधिकार और कर्तव्य, महिला संबंधी कानून, बाल संबंधित कानून, मानवाधिकार, पर्यावरण कानून आदि जैसे देशवासियों को प्रभावित करने के मुद्दों पर जानकारी देने के साथ ही चर्चा की जाएगी.
ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी
आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में नालसा की ओर से देशभर की जेलों और बाल संरक्षण केंद्रों में बंद लोगों के लिए कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 'हक हमारा भी तो है' अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत जेल में बंद कैदियों और बाल संरक्षण केंद्रों में रह रहे किशोरों को मुफ्त कानूनी परामर्श और सेवा प्रदान करना, व्यक्ति से जुड़े केस की जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही वकील उपलब्ध कराना, दोषी कैदियों के मामले में रिहाई पूर्व अधिकार वाले कैदियों के आवेदन करना और कानूनी सहायता उपलब्ध कराना, तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना, चाइल्ड केयर संस्थान में बच्चों को अपने पक्ष के लिए वकील उपलब्ध कराना जैसी कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
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