नई दिल्ली: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी की जिला कोर्ट में आज वादी नंबर 1 राखी सिंह के वकील शिवम गौड़ और मान बहादुर सिंह कोर्ट के सामने दलील पेश करेंगे. राखी सिंह के वकील शिवम गौड़ ने कल कोर्ट में 360 पन्ने की दलील रखी.
श्रृंगार गौरी की पूजा की अनुमति मांगी
सोमवार को हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर में 1993 तक नियमित पूजा की दलील देते हुए श्रृंगार गौरी की पूजा की अनुमति मांगी. इससे पहले ज्ञानवापी केस में कल 7 महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में नई अर्जी दाखिल की. याचिकाकर्ताओं ने कथित शिवलिंग को लेकर कई मांगें रखीं.
याचिकाकर्ताओं ने कथित शिवलिंग की पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की. साथ ही कथित शिवलिंग को श्री काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के सुपुर्द करने की मांग की.
नियमित दर्शन-पूजन के लिए रखा जाना है पक्ष
जिला अदालत में मामले की सुनवाई कर रहे जिला जज एके विशेष ने मंगलवार को फिर राखी सिंह के वकील को पक्ष रखने का मौका दिया है. राखी सिंह के वकील ने सोमवार को बताया कि राखी सिंह वाद में न तो जमीन का मामला है और ना ही मालिकाना हक की बात, केवल नियमित दर्शन-पूजन के लिए कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा जाना है.
कथित शिवलिंग के 'वर्चुअल' दर्शन-पूजा की व्यवस्था और उसकी प्राचीनता जांचने के लिए कार्बन डेटिंग विधि से जांच की भी अपील की. GPR यानि 'ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सिस्टम' से भी शिवलिंग की विश्वसनीयता जांचने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार ली है और अब 21 जुलाई को मुस्लिम पक्ष की याचिका के साथ इसकी भी सुनवाई होगी. इनसब के बीच देश के सामने एक बार फिर से वही सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर ज्ञानवापी किसकी है. फव्वारा या शिवलिंग कौन सा दावा सही है.
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