नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित, नालसा कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ और केन्द्रीय कानून एवं विधि मंत्री 25 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला जाएंगे. वे यहां राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की ओर से आयोजित होने वाले मेगा लीगल सर्विस कैंप में शिरकत करेंगे.
पहला सार्वजनिक कार्यक्रम
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ का ये पहला सार्वजनिक कार्यक्रम होगा. धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में सुबह 11 बजे से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीजेआई यूयू ललित होंगे. वहीं जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ और केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे. जस्टिस यूयू ललित के सीजेआई बनने के बाद ये पहला अवसर होगा जब तीनों एक ही कार्यक्रम में एक साथ शिरकत कर रहे हैं.
इस मेगा लीगल सर्विस का आयोजन नालसा, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण हिमाचल प्रदेश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कांगड़ा की ओर से किया जा रहा हैं. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सैयद राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सरंक्षक हैं. वहीं जस्टिस सबीना राज्य प्राधिकरण की कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर शामिल होंगी.
8 नवंबर तक सीजेआई का कार्यकाल
गौरतलब है कि सीजेआई यूयू ललित का कार्यकाल 8 नवंबर 2022 तक है. ऐसे में कॉलेजियम के फैसले लेने के लिए उनके पास 8 अक्टूबर तक का वक्त है. परंपरा के अनुसार सेवानिवृत्ति से एक माह पूर्व मुख्य न्यायाधीश बड़े फैसले से खुद को अलग करते हैं. पूर्व सीजेआई रमन्ना ने भी सेवानिवृत्ति से ठीक एक माह पूर्व 26 जुलाई को अंतिम कॉलेजियम की बैठक की थी.
देश की सर्वोच्च अदालत में जस्टिस इंदिरा बनर्जी के सेवानिवृत्ति के साथ ही अब कुल 5 पद रिक्त हो चुके हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम शीघ्र की नए जजों की नियुक्ति के लिए सिफारिश कर सकता है. जजों की नियुक्ति को लेकर पिछले कुछ समय से सरकार और कॉलेजियम के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की चर्चा होती रही है. लेकिन अगले दो सप्ताह में नई नियुक्तियों को लेकर फैसले लिए जाने की एक उम्मीद है.
कॉलेजियम व्यवस्था पर कई तीखे हमले
केन्द्रीय कानून एवं विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में उदयपुर में हुई एक कॉन्फ्रेंस में कॉलेजियम व्यवस्था पर कई तीखे हमले किए थे. जस्टिस यूयू ललित के सीजेआई बनने के बाद कॉलेजियम सिर्फ 20 नाम की सिफारिश कर पाया है. वहीं कार्यकाल के अनुसार सीजेआई के पास कॉलेजियम की बैठक आयोजित करने और सिफ़ारिश करने के लिए 8 अक्टूबर तक का ही वक्त है. धर्मशाला में होने वाले इस कार्यक्रम में सीजेआई के साथ ही सीनियर मोस्ट जज जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ और केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू एक ही मंच पर मौजूद रहेंगे. और इसी के चलते इस कार्यक्रम की महत्ता और भी बढ़ गयी है.
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