नई दिल्ली: बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप 2019 में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय बैडमिंटन स्टार पी.वी.सिंधू ने महज 25 साल की उम्र में खेल से संन्यास ले लिया है. बता दें कि सिंधू ने बैडमिंटन की दुनिया में कई रिकॉर्ड अपने नाम हासिल किया है और अपने साथ-साथ विश्वस्तर पर पूरे देश का नाम ऊंचा किया है.
पी.वी.सिंधू भारत की पहली महिला और पुरुष वर्गों की खिलाड़ी है जिन्होंने बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है. लेकिन सोमवार को जैसे ही बैडमिंटन स्टार ने ट्वीट कर लिखा- I retire. सभी फैंस में निराशा देखने को मिली. उनके इस पोस्ट को देखकर उनके संन्यास लेने की बात पूरे सोशल मीडिया पर छा गई. पर किसी ने उनके दूसरे ट्वीट को पूरा नहीं पढ़ा.
— Pvsindhu (@Pvsindhu1) November 2, 2020
पर जब आप उनके दूसरे ट्वीट को पूरा पढ़ेंगे तो आप कयास लगा सकते हैं कि वह क्या बोलना चाहती हैं. सिंधू ने लिखा कि 'मैं काफी दिनों से सोच रही थी कि मैं अपने विचारों को स्पष्ट तरीके से रख सकूं. सभी की तरह मैं भी इस महामारी से काफी समय से जूझ रही हूं. इसके आगे सिंधू ने लिखा कि मेरा पोस्ट पढ़कर आप हैरान और असमंसज में पड़ जाएंगे लेकिन जब आप इसे पूरा पढ़ेंगो तो उम्मीद है कि आपप मेरे विचारों को समझ पाएंगे और मेरा समर्थन करेंगे.
महामारी पर बात करते हुए सिंधु ने लिखा कि 'ये महामारी मेरे लिए आंखे खोल देने वाली घटना थी. मैं खुद को गेम के आखिर तक सबसे मजबूत विपक्षी के लिए ट्रेन कर सकती हूं. मैंने ऐसा पहले भी किया है, मैं ऐसा दोबारा भी कर सकती हूं, लेकिन इस अदृश्य वायरस का सामना कैसे करुं जिसने पूरी दुनिया पर ब्रेक लगा दिया है. महीनों से हम अपने घरों में हैं और अभी भी खुद से सवाल कर रहे हैं कि क्या हम बाहर निकलें या नहीं'.
पीवी सिंधु ने ये भी कहा कि, 'कई बार तोड़ देने वाली घटनाओं के बारे में पढ़कर मैं खुद और इस दुनिया से सवाल करने पर मजबूर हो गई जहां मैं रहती हूं. मैं डेनमार्क ओपन में भारत को रिप्रेजेंट नहीं कर पाई. मैंने आज तय किया है कि मैं मौजूदा वक्त की बेचैनी से खुद को रिटायर कर रही हूं, मैं नेगेटिविटी, लगातार डर, अनिश्चितता से भी रिटायरमेंट ले रही हूं. मैंने उस चीज से संन्यास ले रही हूं जिस अज्ञात चीज पर मेरा कंट्रोल नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'सबसे खास बात ये है कि मैंने खराब स्तर की सफाई वायरस के प्रति हलके व्यवहार से मैं रिटायरमेंट ले रही हूं, हमें इन बातों को हल्के में नहीं लेना चाहिए, हमें आगे के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहना चाहिए. जिन चीजों का चुनाव हम आज करेंगे वो हमारे भविष्य को तय करेगे, और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को हम खराब नहीं कर सकते.'
सिंधु ने लिखा, 'हो सकता है कि मैंने आपलोगों को हल्का झटका दिया है, लेकिन असामान्य समय के लिए असामान्य तरीका अपनाना पड़ता है, मुझे लगता है अपने इन बातों का संज्ञान लिया है. हमें अंधेरी रास्तों के बाहर चमकती रोशनी की उम्मीद करनी चाहिए.'
आखिर में सिंधु ने लिखा, 'हां डेनमार्क ओपन आयोजित नहीं हो पाया था, लेकिन ये मुझे ट्रेनिंग जारी रखने से रोक नहीं पाया. जब जिंदगी आपकी तरफ कदम बढ़ाती है तो आपकी उससे कहीं ज्यादा तेजी से जिंदगी की तरफ दौड़ना पड़ता है. इसलिए मैं एशिया ओपन की तरफ देख रही हूं. मैं इस डर को मात दिए बिना कोशिश करना नहीं छोड़ सकती. और मैं ऐसा तब तक करती रहूंगी जब तक दुनिया और सुरक्षित न हो जाए.'
पूरा संदेश पढ़ने के बाद ये साफ हो गया कि वो अपने खेल से रिटायरमेंट नहीं ले रही हैं, वो उन सभी नेगेटिव चीजों से दूरी बनाने की कोशिश करेंगी जो उनकी कामयाबी में रुकावट डाल सकता है. गौरतलब है कि हाल ही में ऐसी खबरें भी आईं थीं कि सिंधु अपने परिवार के साथ मनमुटाव के बाद इंग्लैंड गईं हैं. इसपर सिंधु ने पिछले दिनों कहा था कि उनका अपने परिवार के साथ कोई विवाद नहीं हैं.
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