नई दिल्ली:Veteran actor Rajkumar: राज कुमार 60-70 के दिग्गज सुपरस्टार थे. आज वह भले ही हमारे बीच नहीं रहे हैं, लेकिन उन के दमदार डायलॉग और दमदार आवाज आज भी लोगों के कान में गूंजती हैं. आज यानी 8 अक्तूबर को राज कुमार की जन्मतिथि है. एक्टर का ने अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जी है. लेकिन क्या आप जानते हैं उके अंतिम संस्कार की कानों कान किसी को भनक तक नहीं लगी थी. ऐसा क्यूं हुआ चलिए आपको बताते हैं.
नौकरी छोड़, एक्टिंग में बनाया करियर
राजकुमार ने हिंदी सिनेमा की कई शानदार फिल्मों में काम किया है. लोग उनकी एक्टिंग के साथ अंदाज के भी मुरीद थे. राजकुमार को एक्टिंग का ऐसा जुनून चढ़ा कि उन्होंने पुलिस में नौकरी छोड़ दी और फिल्मों में काम कर खूब नाम कमाया. लेकिन बावजूद इसक जब एक्टर का निधन हुआ तो उनके अंतिम संस्कार एक एक्टर शामिल नहीं हुआ. राजकुमार की ये इच्छा था कि जब उनका निधन हो तो कोई भी तमशा या दिखावा न हो.
एक्टर की पूरी हुई इच्छा
राजकुमार ने अपनी मौत से काफी पहले ही कह दिया था कि उनकी अंतिम यात्रा में कोई भी शामिल नहीं होगा. ना ही मीडिया आएगी. एक्टर अपनी मौत के बाद किसी तरह का कोई तमाशा नहीं चाहते थे. इस बात का खुलासा एक्टर मेहुल कुमार ने किया था. मेहुल बताया था कि, 'जब हम ‘मरते दम तक’ में उनकी मौत का एक सीन शूट करने जा रहे थे, तो उन्हें गाड़ी में लिटाया गया था.'
जिंदा रहते हुए कहीं थी ये बात
मेहुल ने कहा था कि, 'तभी मैंने एक फूल माला उन्हें अपने हाथों से पहनाई. तब उन्होंने मुझसे कहा कि जानी अभी पहना लो ये हार, जब जाएंगे तो आपको भनक तक नहीं लगेगी. बाद में मैंने उनसे इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि- 'हमारी अंतिम यात्रा को लोग तमाशा बना देते हैं. अच्छे अच्छे सफ़ेद कपड़े पहनकर आ जाते हैं, फिर मीडिया भी आती हैं. इसके बाद वो मरे हुए आदमी को सम्मान देने की जगह उसका तमाशा बनाते हैं. इसलिए मेरी अंतिम यात्रा में मेरे परिवार के अलावा कोई और शामिल नहीं होगा.'
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