नई दिल्ली: Main Atal Hoon: पंकज त्रिपाठी जल्द ही भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बायोपिक ‘मैं अटल हूं’ में नजर आने वाले हैं. ये फिल्म अगले साल यानी 19 जनवरी 2024 को थिएटर में रिलीज होगी. मुम्बई में इस फिल्म की ट्रेलर लॉन्च प्रेस कांफ्रेंस में पंकज त्रिपाठी भी पहुंचे जहां उन्होंने बताया कि वो खुद पॉलिटिक्स बनना चाहते थे. सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'हम बिहारी हैं, हमारी जन्मभूमि बिहार है. इसलिए राजनीति में रुचि हमेशा से रही है, हालांकि अब हम मुंबईकर हो गए हैं.' इस दौरान पंकज त्रिपाठी ने एक दिलचस्प किस्सा भी साझा करते हुए बताया कि किस तरह से पॉलिटिशियन बनते-बनते एक्टर बन गए.
छात्र संगठन के हिस्सा थे पंकज त्रिपाठी
मीडिया से बातचीत में एक्टर ने कहा, 'मैं तो छात्र संगठन में था. मैंने आंदोलन भी किया है. एक हफ्ते जेल में भी रहा हूं. मैं पॉलिटिशियन बनने के रास्ते पर निकल पड़ा था, लेकिन फिर मुझे एहसास हुआ कि ये कांटे भरा मार्ग है और सफर काफी मुश्किल होगा. फिर मैंने वहां से यू टर्न लिया और स्ट्रीट थिएटर देखने लगा. स्ट्रीट थिएटर के लेफ्ट में पटना का कालिदास थिएटर था. वहां जाने के बाद मुझे लगा कि ये ज्यादा बेहतर है. यहां कम से कम बोलकर एक्टिंग होती है.'
फ्यूचर में कभी पोलटिक्स में एंट्री करेंगे एक्टर
एक्टर से आगे सवाल किया गया कि क्या फ्यूचर में वो कभी राजनीति की ओर रुख करेंगे? एक्टर से इस सवाल के जवाब में कहते हैं कि नहीं, अब तक तो पॉलिटिक्स ज्वाइन करने के बारे में नहीं सोचा है, क्योंकि एक्टिंग की दुकान अच्छी चल रही है. लेकिन आप अगर किसी पॉलिसी में जमीनी बदलाव चाहते हैं, तो वो राजनीति में गए बिना संभव नहीं है. समाजसेवा से ये बदलाव एक हद तक कर सकते हैं, लेकिन बहुत छोटे स्तर पर. पॉलिसी में बड़े बदलाव के लिए राजनीति ही एक मार्ग है. दुनिया चलाने का यही एक लोकतांत्रिक रास्ता है.
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