अंडर 19 वर्ल्ड कप से पहले हार्डी संधु हुए थे चोटिल, इलाज के लिए ऑस्ट्रेलिया में बनना पड़ा टैक्सी ड्राइवर

Birthday Special: हार्डी संधु की जिंदगी में सिंगर बनने से पहले बहुत से उतार चढ़ाव आए. वो एक क्रिकेटर बनना चाहते थे और रणजी ट्रॉफी के लिए टीम में सिलेक्टेड भी थे लेकिन एक इंजरी ने उनकी किस्मत बदल दी.

Written by - Kamna Lakaria | Last Updated : Sep 6, 2022, 09:11 AM IST
  • हार्डी संधु ने ऑस्ट्रेलिया में चलाई है टैक्सी
  • पिता ने सिंगर बनने के लिए किया था सपोर्ट
अंडर 19 वर्ल्ड कप से पहले हार्डी संधु हुए थे चोटिल, इलाज के लिए ऑस्ट्रेलिया में बनना पड़ा टैक्सी ड्राइवर

नई दिल्ली: हार्डी संधु (Hardy Sandhu Birthday) ने 'सोच', 'तितलियां' और 'जोकर' जैसे गानों से पूरे भारत में करोड़ों दिल जीते हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि '83' में क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ की भूमिका निभाने वाले हार्डी का पहला प्यार क्रिकेट था. एक चोट ने उनकी सारी जिंदगी को पलट कर रख दिया. उन्होंने इलाज के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया लेकिन उनका किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. आइए जानते हैं उनकी जिंदकी का वो चैप्टर जब वो बतौर क्रिकेटर नई ऊंचाइयां हासिल कर रहे थे.

क्रिकेटर की जिंदगी

हार्डी संधु अंडर 19 में जब इंडिया के लिए क्रिकेट खेल रहे थे तब उन्हें बैक फैक्चर हुआ था. स्ट्रेस फैक्चर के साथ उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ मैदान में उतरने के लिए ठान ली थी. हार्डी डर के मारे बिना किसी को बताए खेलते रहे. उन्होंने किसी को नहीं बताया कि उन्हें फैक्चर हुआ है.

18 साल की उम्र में उन्हें डर था कि कोई उन्हें टीम से न निकाल दे. कहते हैं कि उस वक्त मेरा दिमाग छोटा था. इंजरी में खेलने की वजह से परेशानी और बढ़ गई.

6 महीने के लिए टीम से बाहर

हार्डी को इंजरी के बाद 6 महीने के लिए टीम से बाहर कर दिया गया. 6 महीने के रिहैब के बाद हार्डी फिर मैदान में उतरे और उन्होंने पंजाब के लिए रणजी ट्रॉफी मैच खेला. एक बार फिर अंडर 19 वर्ल्ड कप से पहले कुहनी में इंजरी हो गई.

बॉलिंग करते हुए कुहनी थोड़ी पीछे चली गई. एक साल तक हार्डी ने भारत में हर जगह सीटी स्कैन करवाया, MRI भी करवाया लेकिन कुछ नहीं हुआ. उन स्कैन्स में कुछ पता नहीं चल पाता.

ऑस्ट्रेलिया इलाज के लिए गए

भारत में जब वो अपना इलाज नहीं करवा पाए तो उन्होंने ठाना कि वो ऑस्ट्रेलिया चले जाएंगे और वहीं इलाज करवाएंगे. हार्डी कहते हैं कि उन्होंने सोच रखा था कि अगर वो ऑस्ट्रेलिया जाकर ठीक नहीं हुए तो वापिस आ जाएंगे. 'मैं टाइम खराब नहीं करना चाहता था क्योंकि पहले ही डेढ़ साल बीत चुका था इसलिए मैं स्टूडेंट वीजा पर ऑस्ट्रेलिया चला गया'.

ऑस्ट्रेलिया में इलाज के दौरान वो एक डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर को दिखाते रहे और साथ में 11 महीने टैक्सी भी चलाई. बताते हैं कि 'मैं 4 साल की उम्र से गाता था और यही टैक्सी चलाते हुए भी करता. जब कोई भी टैक्सी में नहीं होता तो गुनगुनाता रहता.'

2008 में IPL

हार्डी को सबसे बड़ा धक्का तब लगा जब उन्होने देखा कि IPL में वो लोग भी खेल रहे थे जो उनके मैदान में खेलने के समय बाहर बैठ उन्हें देखा करते थे. फिर वहां उन्होंने डिसाइड कर लिया कि अब ऑस्ट्रेलिया में ये काम नहीं करना है. तो उन्होंने अपने दो दोस्तों को कॉन्फ्रेंस पर लिया और बात की. उनको बताया कि वो क्रिकेट खेलना दोबारा शुरू करना चाहते हैं.

दोस्तों को कहते हैं कि 'अगर क्रिकेट में कुछ नहीं बना तो सिंगिग करुंगा'. गाने के बारे में सुनते ही वो हार्डी का मजाक बनाने लगे. वो समझाने लगे कि पंजाब में इतने सिंगर हैं तुम यहां आकर सिंगिंग में क्या कर लोगे. घर वालों ने इतने पैसे लगाकर भेजा हो उन्हें कैसे मनाओगे पर हार्डी कहां रुकने वाले थे.

इंडिया वापसी

घर वापिस आए और घरवालों को क्रिकेट के लिए मना लिया. ऐसे में एक अच्छे डॉक्टर को दिखाना भी जरूरी था. तो उनकी मुलाकात एक श्रीलंकन फिजियो से हुई. उस फिजियो ने उन्हें बताया कि उनकी इंजरी क्रिकेटर चामिंडा वास को हुई इंजरी से मेल खाती है. उन्होंने हार्डी की कुहनी पर तीन इंजेक्शन लगाए और हार्डी ठीक हो गए.

हार्डी फिर से क्रिकेट खेलने लगे और 2009 में रणजी ट्रॉफी टीम में भी सिलेक्ट हो गए. मैच से एक हफ्ता पहले फिर से वही इंजरी हो गई फिर हार्डी समझ गए कि वो क्रिकेट दोबारा नहीं खेल पाएंगे. वो 3 महीने के लिए डिप्रेशन में चले गए.

लव टू सिंग

2010 में हार्डी संधु ने अपने पिता को बताया कि 'मैं गाना गाना चाहता हूं क्या आप सपोर्ट करेंगे'. हार्डी कहते हैं कि 'मैं भगवान से दुआ करता हूं कि सबको मेरी जैसी फैमिली मिले. वो हमेशा मेरा साथ देते थे'. हार्डी के पिता ने उन्हें कुछ पैसे दिए. उस पैसे से हार्डी ने सिंगिग सीखी और दो गाने बनाए. 2012 में अपना पहला एल्बम निकाला. गाने अच्छे चले पर उतने नहीं.

आखिर में पैसे खत्म होने वाले थे. हार्डी ने सोचा कि ये आखिरी गाना होगा अगर नहीं चला तो न पैसे मांगूगा न आगे कभी गाना गाऊंगा लेकिन नियति ने कुछ और ही सोच रखा था. उनका तीसरा गाना 'सोच' सुपर डूपर हिट रहा फिर क्या वहां से क्रिकेटर हार्डी बन गए म्यूजिक सेंसेशन हार्डी संधु.

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