नई दिल्ली. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी इस बार कड़ी चुनावी परीक्षा देने जा रहे हैं. दरअसल पश्चिम बंगाल की जिस बहरामपुर लोकसभा सीट का अधीर रंजन प्रतिनिधित्व करते हैं, वहां से ममता बनर्जी ने इस बार क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी यूसुफ पठान को प्रत्याशी बनाया है. ममता ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रविवार को सभी 42 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. लेकिन अधीर रंजन की सीट पर क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतार कर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को सीधे संकेत भी दिए हैं.
ममता के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी?
युसूफ पठान के नाम की घोषणा के बाद एक मीडिया हाउस से बातचीत में अधीर रंजन ने कहा है-मैंने हमेशा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ आवाज बुलंद की है. जिस तरीके से उन्होंने सभी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है उससे साफ है कि वो बीजेपी की मदद कर रही हैं. मेरी लड़ाई जारी रहेगी.
#WATCH | Kolkata: West Bengal CM Mamata Banerjee says, "...Today, I will bring before you 42 candidates for the 42 Lok Sabha seats in Bengal." https://t.co/6ys0ayDCkR pic.twitter.com/hyGsyORa9E
— ANI (@ANI) March 10, 2024
कब हुई मतभेद की शुरुआत?
राज्य की सभी 42 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा पर कांग्रेस भले ही आश्चर्य जाहिर कर रही हो लेकिन दोनों पार्टियों के बीच मतभेद की शुरुआत काफी समय पहले ही हो चुकी है. विशेष रूप से इस मतभेद और विवाद को लेकर तृणमूल लगातार आक्रामक रही है जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस ने संयमित व्यवहार किया है.
राहुल गांधी की न्याय यात्रा ने जब पश्चिम बंगाल में एंट्री की थी उसी वक्त तृणमूल ने ऐलान कर दिया था कि वह राज्य में अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी. हालांकि कांग्रेस नेताओं की तरफ से कहा गया था कि सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत हो जाएगी. लेकिन अब आखिरकार ऐसा होता नहीं दिख रहा है.
अधीर रंजन के लिए 'कठिन टेस्ट'
विवाद की शुरुआत से तृणमूल कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी पर आरोप मढ़े. 'ममता की टीम' की तरफ से यह भी कहा गया कि कांग्रेस के साथ बिगड़ते संबंधों की वजह अधीर रंजन हैं. राज्य कांग्रेस के चीफ अधीर रंजन चौधरी लगातार ममता बनर्जी पर निशाना साधते रहे हैं. माना जा रहा है कि इसकी वजह से ममता बनर्जी नाराज हो गईं.
अब माना जा रहा है कि इसी क्रम में ममता बनर्जी ने अधीर रंजन के सामने ममता ने युसूफ पठान को उतारकर एक 'सबक' सिखाने की भी शुरुआत की है. बहरामपुर ऐसी लोकसभा सीट है जिस पर 50 प्रतिशत से ज्यादा अल्पसंख्यक वोटर हैं. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को अल्पसंख्यक मत एकमुश्त मिलते रहे हैं. ऐसे में यूसुफ पठान जैसे लोकप्रिय प्रत्याशी को उतारकर ममता ने अधीर रंजन के लिए बड़ी चुनौती पेश कर दी है.
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