Naresh Meena: कौन है राजस्थान का 'छोटा किरोड़ी', जो 3 दिन में कांग्रेस से हुआ बागी?

Who is Naresh Meena: नरेश मीणा दौसा लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. वे कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने वरिष्ठ नेता मुरारी लाल मीणा पर दांव खेला. फिर नरेश ने बगावत कर दी.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Mar 28, 2024, 06:23 PM IST
  • बारां जिले के हैं नरेश मीणा
  • लड़ चुके हैं विधानसभा चुनाव
Naresh Meena: कौन है राजस्थान का 'छोटा किरोड़ी', जो 3 दिन में कांग्रेस से हुआ बागी?

नई दिल्ली: Who is Naresh Meena: लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. इसी क्रम में राजस्थान के दौसा में एक सभा हो रही थी. सभा कांग्रेस के प्रत्याशी मुरारी लाल मीणा की थी. सभा में एक युवा नेता को बोलने के लिए आमंत्रित किया जाता है. जैसे ही वह खड़ा होता है 'जय नरेश' के नारे लगने लगते हैं. भावुक नेता कहता है, 'मुझे यह कहकर कांग्रेस जॉइन करवाई गई कि टिकट में तुम्हारा नाम भी है. लेकिन जब लिस्ट आई तो मेरा नाम नहीं था. मुझे उसके बाद से ही नींद नहीं आई. आप (मुरारी लाल मीणा) टिकट ले आए, आप सांसद बन जाओगे. आपकी बेटी (गोद ली हुई बेटी निहारिका) दौसा से विधायक बन जाएगी, हमारा नंबर कब आएगा? आपका फर्ज बनता है कि आप हमारे लिए टिकट मांगते. आपके तो बच्चे नहीं हैं, लेकिन हम भी तो आपके बच्चे हैं. आपको पायलट साहब से कहना चाहिए था कि नरेश को टिकट दो.' ये बोल नरेश मीणा के थे, जिन्होंने 21 मार्च को कांग्रेस जॉइन की और 25 मार्च को खुले मंच से कांग्रेस से बगावत कर दी. 

निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे नरेश
नरेश मीणा ने दौसा लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर नामांकन भर दिया है. उनका मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुरारी लाल मीणा और भाजपा के कन्हैया लाल मीणा से हैं. नरेश ने पहले ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था. 27 मार्च नामांकन भरने का फैसला तक ले लिया था. वे 6 साल के लिए कांग्रेस से निष्कासित थे. लेकिन 21 मार्च को कांग्रेस में उन्हें शामिल किया गया. तब लगा कि उन्हें टिकट मिल सकता है. लेकिन टिकट मुरारी मीणा को मिला और नरेश एक बार फिर बागी हो गए. 

कांग्रेस ने नरेश को निष्कासित क्यों किया था?
दरअसल, नरेश मीणा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में छबड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस का टिकट मांगा था. लेकिन पार्टी ने करण सिंह को टिकट दिया. नरेश बागी हो गए. उन्होंने यहां पर निर्दलीय चुनाव लड़ा. नरेश को 43 हजार के करीब वोट मिले. इसका सीधा फायदा भाजपा को हुआ और पूर्व CM वसुंधरा के करीबी प्रताप सिंह चुनाव जीत गए. नरेश कांग्रेस पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिए गए थे.

कौन हैं नरेश मीणा?
नरेश मीणा राजस्थान के बारां जिले की अटरू तहसील के नयागांव के रहने वाले हैं. नरेश राजस्थान यूनिवर्सिटी में NSUI की ओर से महासचिव रह चुके हैं. नरेश के पिता कल्याण सिंह मीणा 30 साल तक अपने गांव के सरपंच रहे हैं. अब नरेश की मां सरपंच हैं. नरेश की पत्नी जिला परिषद सदस्य हैं. नरेश के भाई की पति पंचायत समिति सदस्य हैं. मीणा समाज के युवाओं में नरेश की खूब फैन फॉलोइंग है. 

क्यों कहते हैं छोटा किरोड़ी?
नरेश मीणा राजस्थान यूनिवर्सिटी का जाना-पहचाना नाम है. उन्हें राजस्थान का 'छोटा किरोड़ी' भी कहा जाता है. नरेश का किरोड़ी लाल मीणा जैसा पॉलिटिकल स्टाइल है. जैसे किरोड़ी भावुक नेता हैं, वैसा ही मिजाज नरेश का है. जैसे किरोड़ी सड़कों पर उतरते हैं, ठीक वैसे ही नरेश भी आंदोलन करते हैं. यही कारण है कि उन्हें छोटा किरोड़ी कहा जाने लगा. भले किरोड़ी लाल मीणा भाजपा में हो और नरेश उनकी पार्टी की विचारधार के खिलाफ हों, लेकिन वे सार्वजनिक मंचों से बाबा किरोड़ी की खूब तारीफ करते हैं. खुद को उनका बेटा बताते हैं. यह अलग बात है कि किरोड़ी लाल मीणा ने नरेश मीणा की राजनीतिक रूप से कभी मदद नहीं की. 

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