Rajasthan: पहले ही लिखी जा चुकी थी भजन लाल शर्मा को सीएम बनाने की स्क्रिप्ट, जानें कहानी

भजन लाल शर्मा ने भाजपा के चार प्रदेश अध्यक्षों अशोक परनामी, मदनलाल सैनी, सतीश पूनिया और सीपी जोशी के नेतृत्व में पार्टी महासचिव के रूप में कार्य किया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 13, 2023, 09:29 PM IST
  • जानें क्या है असली कहानी
  • अमित शाह के करीबी हैं भजन
Rajasthan: पहले ही लिखी जा चुकी थी भजन लाल शर्मा को सीएम बनाने की स्क्रिप्ट, जानें कहानी

नई दिल्लीः भाजपा सूत्रों की मानें तो पार्टी नेतृत्व ने भजन लाल शर्मा की पदोन्नति की कहानी कुछ महीने पहले ही लिख ली थी. राजस्थान भाजपा के नेताओं को पता नहीं था कि केंद्रीय नेतृत्व अपनी रणनीति को लागू करने की दिशा में बड़े कदम उठा रहा था. कई नेताओं ने पुष्टि की कि आलाकमान ने 2018 में विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद भजन लाल शर्मा पर फैसला किया था, क्योंकि वह एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता थे, जिन्होंने राजनीति में आए बिना अपने काम पर ध्यान केंद्रित किया था.

जयपुर से लड़ाया चुनाव
भजन लाल शर्मा ने भाजपा के चार प्रदेश अध्यक्षों अशोक परनामी, मदनलाल सैनी, सतीश पूनिया और सीपी जोशी के नेतृत्व में पार्टी महासचिव के रूप में कार्य किया. भजन लाल शर्मा हाल के विधानसभा चुनावों में अपने मूल स्थान भरतपुर से खड़ा होना चाहते थे, हालांकि पार्टी ने जोर देकर कहा कि वह जयपुर में सांगानेर की सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ें.

नड्डा से हैं करीबी रिश्ते
भजन लाल शर्मा के जे.पी. नड्डा से पुराने रिश्ते हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले वह अक्सर गोवर्धन परिक्रमा के लिए भरतपुर जाते थे और शर्मा तब भरतपुर के जिला अध्यक्ष थे. शर्मा निंबाराम के भी करीबी हैं क्योंकि जब वह आरएसएस के सह प्रांत प्रचारक थे तो उनका केंद्र भरतपुर था.
1990 में भजन लाल शर्मा एबीवीपी के कश्मीर मार्च में सक्रिय रूप से शामिल हुए और उधमपुर तक पहुंचे. इस दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था. साथ ही भजन लाल शर्मा 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन में जेल भी गए.

अमित शाह की टीम का हिस्सा
एबीवीपी के साथ अपने पिछले जुड़ाव और संघ के समर्थन के कारण भजन लाल शर्मा को संगठन में आगे बढ़ने के अवसर मिले और 2021 में वह सीधे अमित शाह के संपर्क में आए. अमित शाह ने 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की कमान संभाली थी और भजन लाल शर्मा उनके सहयोगी के तौर पर वहां गए थे. तब से भजन लाल शर्मा अमित शाह की कोर टीम का हिस्सा थे.

अमित शाह के निर्देश पर ही शर्मा को पार्टी की सुरक्षित सीट से टिकट दिया गया था. सांगानेर से टिकट चाहने वालों ने इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन जब बताया गया कि अमित शाह के निर्देश पर शर्मा को टिकट दिया गया है. इसके बाद सभी विरोध प्रदर्शन बंद हो गए. इस बीच भजन लाल शर्मा इस सीट से जीतने के बाद चुप रहे और उन्होंने अन्य सीएम पद के दावेदारों की तरह कोई लॉबिंग नहीं की. आख़िरकार वह अंतिम समय में उभरे और सभी को हैरान कर दिया.

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