Lok Sabha Election 2024: इस परिवार में एक गांव जितने लोग, लोकसभा चुनाव में डालेंगे 350 वोट!

Lok Sabha Election 2024: इस बार देश में कुल सात चरणों में लोकसभा चुनाव होने हैं. पहले चरण के मतदान में अब महज 4 दिनों का समय शेष रह गया है. 19 अप्रैल को पहले चरण में जब देश की 102 सीटों पर मतदान होंगे, तो एक परिवार ऐसा भी होगा, जिसके 350 सदस्य वोट डालेंगे. यह परिवार देश में सर्वाधिक वोटर्स वाला परिवार है. यह परिवार असम के सोनितपुर जिले का रहने वाला है. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Apr 15, 2024, 03:45 PM IST
  • रॉन बहादुर थापा ने की थीं 5 शादियां
  • 'परिवार को नहीं मिला कल्याणकारी योजनाओं का लाभ'
Lok Sabha Election 2024: इस परिवार में एक गांव जितने लोग, लोकसभा चुनाव में डालेंगे 350 वोट!

नई दिल्लीः Lok Sabha Election 2024: इस बार देश में कुल सात चरणों में लोकसभा चुनाव होने हैं. पहले चरण के मतदान में अब महज 4 दिनों का समय शेष रह गया है. 19 अप्रैल को पहले चरण में जब देश की 102 सीटों पर मतदान होंगे, तो एक परिवार ऐसा भी होगा, जिसके 350 सदस्य वोट डालेंगे. यह परिवार देश में सर्वाधिक वोटर्स वाला परिवार है. यह परिवार असम के सोनितपुर जिले का रहने वाला है. 

रॉन बहादुर थापा ने की थीं 5 शादियां 
परिवार के मुखिया रॉन बहादुर थापा थे, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. न्यूज एजेंसी ANI की मानें, तो दिवंगत रॉन बहादुर थापा ने पांच शादियां की थीं. उनके कुल 12 बेटे और 9 बेटियां हैं. कुल मिलाकर यह परिवार 1200 सदस्यों का है. परिवार के 350 सदस्य इस बार लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो रॉन बहादुर थापा के 150 से अधिक पोते-पोतियां हैं. 

1964 में असम चला आया था रॉन बहादुर थापा का परिवार
दिवंगत रॉन बहादुर थापा के बेटे तिल बहादुर थापा बताते हैं कि उनके पिता साल 1964 में उनके दादा के साथ नेपाल से असम आए थे और इसके बाद वे यहीं बस गए थे. तिल बहादुर थापा ने बताया कि उनके पिता ने कुल पांच शादियां की थीं. तिल बहादुर थापा कुल 12 भाई और 9 बहने हैं. अगर उनके पूरे परिवार की गिनती की जाए, तो परिवार के सदस्यों की कुल संख्या 1200 से अधिक होगी. 

'परिवार को नहीं मिला कल्याणकारी योजनाओं का लाभ'
इस दौरान तिल बहादुर थापा ने यह भी कहा कि उनके परिवार को राज्य और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा, 'हमारे बच्चों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की इसके बाद भी उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई. हमारे परिवार के कुछ सदस्य बेंगलुरु चले गए और अभी प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ दिहाड़ी मजदूरी भी कर रहे हैं. मैं यहां से 1989 से ग्राम प्रधान के रूप में काम कर रहा हूं. मेरे 8 बेटे और 3 बेटियां हैं.'

ये भी पढ़ेंः कन्हैया कुमार ही मनोज तिवारी को क्यों दे सकते हैं टक्कर? यहां समझें पूरा गणित

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़