नई दिल्लीः जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता केसी त्यागी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने के कगार पर है और कांग्रेस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बार-बार ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया. त्यागी ने यह भी कहा कि उन्हें विपक्ष से ‘‘काफी सशक्त’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वास्तविक चुनौती मिलने की कोई संभावना नहीं दिखती.
जानें क्या बोले केसी त्यागी
भाजपा के फिर से कुमार के साथ समझौता करने के लिए तैयार होने के संकेतों के बीच पार्टी को अपने अन्य सहयोगियों जैसे चिराग पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा को भी साथ लाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. पासवान और कुशवाहा दोनों नीतीश के कट्टर आलोचक हैं. गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने कुछ चिंताएं जताईं और समझा जाता है कि उन्होंने आश्वासन मांगा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में कुमार के आने बाद उनकी (चिराग की) पार्टी को लोकसभा में अपनी सीटों के साथ समझौता नहीं करना पड़ेगा.
जानें क्या बोले पासवान
बाद में पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उनके कई मुद्दों पर आश्वासन मिला है. उन्होंने हालांकि कहा कि स्थिति स्पष्ट होने के बाद वह बिहार के घटनाक्रम पर अपनी पार्टी के रुख को अंतिम रूप देंगे. उन्होंने कहा कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कुमार क्या भाजपा से हाथ मिला रहे हैं, और कब. रविवार को कुमार के इस्तीफा देने और फिर पूर्व सहयोगी के साथ गठबंधन की घोषणा करने की संभावना के बीच तीनों मुख्य दलों-भाजपा, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जद(यू) के नेताओं ने पटना में बैठकें कीं.
कुमार के करीबी सहयोगी त्यागी ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि उनकी पार्टी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ से नाता खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार है. त्यागी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) टूटने के कगार पर है. पंजाब, पश्चिम बंगाल और बिहार में ‘इंडिया’ में शामिल दलों का गठबंधन लगभग खत्म हो चुका है.’’
त्यागी ने कहा कि जिस लक्ष्य और इरादे के साथ जद(यू) अध्यक्ष कुमार गैर-कांग्रेसी दलों को कांग्रेस के साथ लाने में सफल हुए, वे (उद्देश्य) विफल हो गए हैं और कहा कि उनके नेता को ‘‘गलत समझा गया.’’ उन्होंने कहा कि कुमार को कभी भी गठबंधन में पद की लालसा नहीं रही लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के एक धड़े ने बार-बार उनका अपमान किया. त्यागी ने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल ‘‘काफी सशक्त’’ भाजपा से कैसे लड़ सकते हैं.
जद(यू) नेता ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री कुमार पटना में कई दलों को एक साथ लाने में सफल रहे, लेकिन लोकसभा चुनाव नजदीक होने के बावजूद पूरी प्रक्रिया इतनी धीमी हो गई कि इंडिया गठबंधन कोई संयुक्त नेतृत्व और एजेंडा लेकर नहीं आ पाया. राज्य के मौजूदा सहयोगियों, विशेषकर पासवान से संपर्क का भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का निर्णय, 2020 के विधानसभा चुनावों की पुनरावृत्ति से बचने के उनके प्रयास को रेखांकित करता है जब लोजपा नेता जद(यू) के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन से बाहर हो गए थे.
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