नई दिल्ली: कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. कर्नाटक चुनाव फिर से लड़ रहे 189 विधायकों में से राज्य कांग्रेस प्रमुख डी.के. शिवकुमार ने पिछले पांच वर्षों में संपत्ति में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है. शनिवार को इस बात का खुलासा एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में हुआ है.
किस नेता की संपत्ति में कितना हुआ इजाफा?
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल दोबारा विधानसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के चार विधायकों की संपत्ति में पिछले पांच सालों में भारी इजाफा हुआ है. कनकपुरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक शिवकुमार ने 573.78 करोड़ रुपये की संपत्ति में सबसे अधिक वृद्धि की घोषणा की है. उन्होंने साल 2018 में 840.01 करोड़ रुपये की तुलना में साल 2023 में 1,413.80 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की. पिछले पांच वर्षों में उनकी संपत्ति में 68 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
इसी तरह शांतिनगर सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी एनए हारिस की संपत्ति में पिछले पांच साल में 248.96 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. हारिस की साल 2018 में 190.24 करोड़ रुपये की संपत्ति थी और इस साल उन्होंने 439.20 करोड़ रुपये की संपत्ति दिखाई है, जो कि 131 प्रतिशत की वृद्धि है.
तीसरा स्थान भाजपा के मुनिरत्न हैं. मुनिरत्ना राजराजेश्वरनगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच साल में उनकी संपत्ति में 229 फीसदी का इजाफा हुआ है. साल 2018 में उनकी संपत्ति 204.46 करोड़ रुपये थी जोकि बढ़कर 2023 में 293.60 करोड़ रुपये हो गई है.
चौथे स्थान पर कांग्रेस के एस.एन. सुब्बारेड्डी हैं. सुब्बारेड्डी बागपल्ली विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. पिछले पांच वर्षों में उनकी संपत्ति में 99 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में उनकी संपत्ति 157 करोड़ रुपये थी जो बढ़कर साल 2023 में 313 करोड़ रुपये हो गई है.
पांचवें स्थान पर कांग्रेस के रघुनाथ देशपांडे हैं. यह दक्षिणी राज्य की हलियाल विधानसभा सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी संपत्ति में 69 फीसदी का इजाफा हुआ है. उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनावों में 215 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जो अब 148 करोड़ रुपये की भारी वृद्धि के साथ 363 करोड़ रुपये हो गई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 10 मई को होगा और वोटों की गिनती 13 मई को होगी. सत्तारूढ़ बीजेपी राज्य में सत्ता बरकरार रखने के लिए आक्रामक प्रचार कर रही है, जबकि कांग्रेस और जेडीएस भी दक्षिणी राज्य में सत्ता में वापस आने के लिए जोर-शोर से प्रचार में जुटे हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)
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