Rajasthan: पहले 21 और 56 सीटों पर सिमट चुकी है कांग्रेस, इस बार गहलोत ने कैसे पलटी बाजी?

Rajasthan Assembly election 2023: आज से 6-7 महीने पहले राजस्थान में कांग्रेस की करारी हार मानी जा रही थी. सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने तो यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस के इतने ही MLA जीतेंगे, जितने एक फॉर्च्यूनर में आ जाएंगे. लेकिन इसके बाद गहलोत की सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स ने खूब लोकप्रियता बटोरी.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Dec 1, 2023, 06:38 PM IST
  • सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स ने पलटी बाजी
  • चिरंजीवी को माना सबसे सफल योजना
Rajasthan: पहले 21 और 56 सीटों पर सिमट चुकी है कांग्रेस, इस बार गहलोत ने कैसे पलटी बाजी?

नई दिल्ली: Rajasthan Assembly election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. इससे पहले एग्जिट पोल जारी हो चुके हैं. चुनिंदा एग्जिट पोल में कांग्रेस सरकार की वापसी बताई जा रही है. राजस्थान का पूरा चुनाव गहलोत वर्सेस मोदी बन गया था. खुद प्रधानमंत्री मोदी भी गहलोत की पिच पर खेलते नजर आए थे. पहले भाजपा का स्पष्ट बहुमत नजर आ रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत ने कांटे की टक्कर कर दी. इंडिया टीवी- सीएनएक्स और इंडिया टुडे-ऐक्सिस माई इंडिया में कांग्रेस को बढ़त दिखाई गई है.

कैसे हुआ करिश्मा
आज से 6-7 महीने पहले राजस्थान में कांग्रेस की करारी हार मानी जा रही थी. सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने तो यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस के इतने ही MLA जीतेंगे, जितने एक फॉर्च्यूनर में आ जाएंगे. लेकिन इसके बाद गहलोत की सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स ने खूब लोकप्रियता बटोरी. राजस्थान का पूरा चुनाव गहलोत की योजनाओं के दम पर लड़ा गया है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गहलोत को पटखनी देने के लिए 'मोदी की गारंटी' का नारा लेकर आए. 

इन योजनाओं ने दिखाया कमाल
अशोक गहलोत की सबसे लोकप्रिय स्कीम चिरंजीवी रही. चिरंजीवी योजना को आयुष्मान भारत के मुकाबले खड़ा किया गया था. जहां आयुष्मान भारत में 5 लाख तक का इलाज मुफ्त में होता है. वहीं, चिरंजीवी योजना में 25 लाख तक का इलाज मुफ्त दिया जाता है. गहलोत ने 500 रुपये में सिलेंडर देना शुरु किया, जो पीएम की उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को हाइजैक करने का फॉर्मूला साबित हुआ. राजस्थान में 100 यूनिट मुफ्त बिजली भी पहली बार दी गई. लिहाजा, गहलोत सरकार को लेकर लोगों का परसेप्शन बदला. 

कहां रही कमजोरी
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार लौटेगी भी तो गहलोत का 'मिशन 156' का नारा पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा. इसके पीछे की बड़ी वजह ये है कि गहलोत का तो जनता में अच्छा परसेप्शन था, लेकिन विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ जनता में नाराजगी थी. पेपर लीक जैसे मुद्दे पर युवा भावुक थे, वे भी सरकार से खफा थे. गहलोत और पायलट की अदावत से भी पार्टी कमजोर हुई. एग्जिट पोल के मुताबिक, गुर्जर वोट बैंक भी कांग्रेस से खिसकर फिर भाजपा में जा रहा है. 

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