कोलकाता. लोकसभा चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के भीतर घमासान होता दिख रहा है. दरअसल पार्टी महासचिव कुणाल घोष द्वारा एक बीजपी प्रत्याशी की तारीफ के बाद उन्हें पद से हटा दिया था. अब कुणाल घोष ने दावा किया है कि पार्टी को 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले ही स्कूल भर्ती ‘घोटाले’ के बारे में पता था. माना जा रहा है कि घोष के इस बयान के बाद विपक्षी बीजेपी को तृणमूल पर निशाना साधने का एक और मौका मिल जाएगा.
चुनाव में टीएमसी को उठाना पड़ सकता है नुकसान?
माना जा रहा है कि घोष के इस बयान से टीएमसी को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि वो अभिषेक बनर्जी के बेहद करीबी माने जाते हैं. लोकसभा चुनाव में एसएससी घोटाला एक बड़ा मुद्दा बन गया है. घोष ने एक बांग्ला समाचार चैनल से-पार्टी इस तथ्य से अच्छी तरह से वाकिफ थी कि स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और नौकरियों के बदले जबरन वसूली हो रही है. 2021 विधानसभा चुनावों से पहले ही TMC को इसकी जानकारी थी.
तापस रॉय की प्रशंसा पर विवाद
कुणाल घोष ने कोलकाता उत्तर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार तापस रॉय की प्रशंसा की थी. इसके कुछ ही घंटों बाद उन्हें इस पद से हटा दिया गया था. टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया- कुणाल घोष ने ऐसे विचार व्यक्त किए जो पार्टी लाइन से मेल नहीं खाते. यह साफ करना महत्वपूर्ण है कि ये उनकी निजी राय है.
टीएमसी नेताओं से चल रहा था विवाद
बता दें कि घोष हाल तक पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता भी थे. हालांकि, उन्होंने उस पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन राज्य महासचिव के रूप में बने रहे. कुणाल दक्षिण कोलकाता में आयोजित एक रक्तदान शिविर के दौरान तापस रॉय के साथ मंच साझा किया, जो इसी साल तृणमूल छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. कुणाल ने कहा कि तापस रॉय एक आदर्श उम्मीदवार हैं. इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि घोष टीएमसी के भीतर अगली पीढ़ी के नेताओं के लिए अधिक तवज्जो की मांग कर रहे थे और उनकी टीएमसी में पुराने नेताओं के साथ खींचतान चल रही थी.
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