नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आय से अधिक संपत्ति मामले में लोकपाल की जांच से जुड़े मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन की याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस रेखा पल्ली और जस्टिस रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच के फैसले को बरकरार रखा है. अब उनके खिलाफ लोकपाल की कार्यवाही के आलोक में सीबीआई की जांच शुरू हो सकती है.
कोर्ट में दायर की थी याचिका
सोरेन ने भारत के लोकपाल की ओर से उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने आय से अधिक संपत्ति को लेकर उन पर लगाए गए आरोपों को दुर्भावनापूर्ण बताया था. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की एकल पीठ ने इस पर सुनवाई के बाद बीते 22 जनवरी को उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया था.
जानें क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि झारखंड के गोड्डा क्षेत्र के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से शिबू सोरेन और उनके परिजनों के नाम पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत लोकपाल के समक्ष 5 अगस्त, 2020 को दायर की गई थी. इसमें कहा गया था कि सोरेन और उनके परिजनों ने झारखंड के सरकारी खजाने का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार से अर्जित राशि से अनेक संपत्तियां बनाई हैं. इनमें कई बेनामी आवासीय और कमर्शियल परिसंपत्तियां भी हैं.
सीबीआई ने की थी जांच
इस शिकायत पर सुनवाई करते हुए लोकपाल की फुल बेंच ने 15 सितंबर, 2020 को सीबीआई को लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 20 (1) (ए) के तहत मामले में पीई (प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज कर छह महीने में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था. सीबीआई ने मामले की जांच के बाद मार्च 2021 और उसके बाद 1 जुलाई 2021 को सोरेन परिवार की संपत्ति का पूरा ब्यौरा और उनके आयकर रिटर्न पर लोकपाल को रिपोर्ट सौंपी थी. इसके आधार पर लोकपाल ने शिबू सोरेन और परिवार के सदस्यों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष मांगा था.
इसके बाद सोरेन परिवार के सदस्यों से मिले जवाब के आलोक में सीबीआई ने अंतिम पीई रिपोर्ट बीते साल 29 जून को लोकपाल के यहां दाखिल की. इसमें सीबीआई की ओर से कहा गया है कि सोरेन और परिवार के सदस्यों ने आय के ज्ञात और घोषित स्रोत से ज्यादा कई बेनामी संपत्तियां बनाई हैं. लोकपाल ने अपने आदेश में कहा था कि सीबीआई की विस्तृत रिपोर्ट के अवलोकन के आधार पर यह पाया गया है कि इस मामले में धारा 20(3) के अंतर्गत प्रोसिडिंग शुरू की जानी चाहिए. इस सिलसिले में शिबू सोरेन को लोकपाल की ओर से नोटिस जारी किया गया था.
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