नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में 49 सीटों के लिए पांचवें चरण का मतदान सोमवार को समाप्त हो गया. चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक रात पौने आठ बजे तक 57.47 प्रतिश वोटिंग के आंकड़े जारी किए गए हैं. हालांकि ये अंतिम आंकड़े नहीं हैं. अंतिम आंकड़े आने में अभी और वक्त लग सकता है. इस चरण के मतदान के साथ ही, 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और 428 निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो चुका है. चुनाव में अब दो और चरण के मतदान बाकी है, जो कि 25 मई और एक जून को होने हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक शाम छह बजे तक भी बड़ी तादाद में वोटर्स पोलिंग बूथ पर कतार में मौजूद थे. बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव में पांचवें चरण में 51 सीट पर मतदान हुआ था और उस समय 64.16 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.
इससे पहले चौथे चरण में मतदान प्रतिशत 69.16 प्रतिशत रहा, जो 2019 के चुनाव के इसी चरण की तुलना में 3.65 प्रतिशत अधिक है. तीसरे चरण के मतदान का अद्यतन आंकड़ा 65.68 प्रतिशत है, जबकि 2019 चुनाव के तीसरे चरण में यह 68.4 प्रतिशत था. दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 69.64 प्रतिशत था. पहले चरण में 66.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया वहीं 2019 के चुनाव के पहले चरण में 69.43 फीसदी मतदान हुआ था.
कश्मीर के इस इलाके में बना रिकॉर्ड
आर्टिकल 370 की समाप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार मतदान हुआ है. पांचवें चरण में कश्मीर की बारामूला सीट पर वोटर्स ने 2019 के मतदान का रिकॉर्ड तोड़ दिया. इस सीट पर कुल 55 फीसदी मतदान हुआ जो 2019 की तुलना में करीब 20 प्रतिशत ज्यादा है. सोपोर शहर में एक उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल रहा है. कभी 'छोटा पाकिस्तान' कहे जाने वाले इस शहर में लोकसभा चुनाव में मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं और पिछले चुनाव की तुलना में लोगों ने इस बार बड़ी संख्या में मतदान किया. कभी आतंकवाद का केंद्र रहे और 1990 के दशक में विदेशी आतंकवादियों के प्रभुत्व वाले सोपोर तथा राफियाबाद क्षेत्रों में अधिक मतदान के साथ चुनावी व्यस्तता का पुनरुत्थान हुआ है. बारामूला में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, दो बार के पूर्व विधायक और निर्दलीय उम्मीदवार इंजीनियर राशिद और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन के बीच कड़ा मुकाबला है.
'अपने बूथ पर पहली बार वोट'
झारखंड के चतरा जिले के 5 माओवाद प्रभावित गांवों के मतदाताओं ने साल 2000 में राज्य के गठन के बाद पहली बार सोमवार को अपने बूथ पर बड़ी संख्या में मतदान किया. कान्हाचट्टी ब्लॉक के गरिया, अमकुदर, पथेल, बनियाबांध और सिकिद गांवों के मतदाताओं को केंदुआ, सहोरे या जाशपुर में मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जाना पड़ता था और इसके लिए ऊबड़-खाबड़ इलाके में 10-11 किमी तक पैदल चलना पड़ता था. पहले माओवादियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान और क्षेत्र से स्थानांतरित किए गए मतदान केंद्रों की दूरी के कारण यहां मतदान प्रतिशत कम रहता था.
'100 प्रतिशत मतदान'
झांसी लोकसभा के तीन बूथों पर शत प्रतिशत मतदान होकर एक रिकॉर्ड बना है. विधानसभा क्षेत्र महरौनी ललितपुर के ग्राम सौल्दा में बूथ नंबर 277 पर 198 पुरुषों, 177 महिलाओं, कुल 375 मतदाताओं ने मतदान किया है. ग्राम बम्हौरा नांगल में बूथ नंबर 355 पर 235 पुरुषों, 206 महिलाओं यानी कुल 441 मतदाताओं ने मतदान किया है. ग्राम बुदनी नाराहट में बूथ नंबर 195 पर 116 पुरुषों, 99 महिलाओं, कुल 215 मतदाताओं ने मतदान किया है.
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