लखनऊः तमाम सुधारों के बाद भी खाकी पर उत्पीड़न के दाग लगते रहे हैं, लेकिन पुलिस की यह छवि बदल नहीं पा रही है. केस में लापरवाही और अपराधियों को खुली छूट दिए जाने जैसे जुमले पुलिस के लिए आम हो हो चले हैं और इनको बदल डालने की भी कोशिश होती नहीं दिख रही है. लिहाजा तमाम कोशिशों के बाद भी जनता का भरोसा पुलिस पर नहीं बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश के संभल जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने एक बार फिर खाकी पर दाग लगने जैसी नौबत आई है.
पुलिस सब इंस्पेक्टर पर लगाया आरोप
उत्तर प्रदेश के संभल जिले के नरौली निवासी एक परिवार ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए ऐसा कदम उठाया है कि स्थानीय लोगों से लेकर पुलिस तक चौंक गई है. पूरे परिवार ने शनिवार सुबह खुद को जंजीरों से बांध लिया और ज्वलनशील पदार्थ छिड़क कर नरौली बेटा साहू मार्ग पर एक पेड़ के नीचे बैठ गए. परिवार के मुखिया का आरोप है कि एक पुलिस उपनिरीक्षक (SI) उसके साथ उत्पीड़न कर झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं.
मुखिया दिनेश सैनी ने नरौली में 2015 में चौकी इंचार्ज रहे एक उपनिरीक्षक पर उत्पीड़न कर झूठे मामलों में फंसाने का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की.
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परिवार समेत जंजीर में खुद को जकड़ा
परिवार के सभी लोगों ने खुद को जंजीरों में बांध लिया है और एक पेड़ के नीचे बैठ गए हैं. उनका कहना है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो परिवार के सभी सदस्य जान दे देंगे. सूचना मिलते ही चंदौसी के पुलिस क्षेत्राधिकारी और बनिया ठेर थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस उन्हें समझाने में लगी हुई है कि वे आत्महत्या न करें. वहीं मुखिया दिनेश सैनी का कहना है कि पुलिस द्वारा झूठे मामलों में फंसाए जाने के कारण उसका 80 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
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कर्ज में डूब गया परिवार
उसने कहा कि इनसब के चक्कर में परिवार कर्ज में भी डूब गया है. जिनसे उन्होंने उधार पैसे लिए हैं वो लोग अब घर पर आकर दबाव बना रहे हैं. उनके पास अब कर्ज वापस करने के लिए पैसे भी नहीं हैं. इसी से परेशान होकर वह परिवार समेत आत्महत्या करने को मजबूर है.