लखनऊ: हाथरस की आड़ लेकर यूपी में हिंसा भड़काने की साजिश किसने रची, कौन था, जो पीड़ित परिवार को बहका और उकसा रहा था. इसका जवाब अब साफ होता दिख रहा है.हाथरस कांड को लेकर हर दिन एक नया खुलासा सामने आ रहा है. हाथरस कांड में पीड़ित परिवार को भड़काया और उकसाया गया. इसके सबूत सामने आने लगे हैं, पुलिस को इनपुट मिला है कि भीम आर्मी के 3 लोग पीड़िता के घर रिश्तेदार बनकर रहे थे, इन तीनों ने पीड़िता के परिवारवालों को भड़काने की कोशिश की.
योगी सरकार के खिलाफ भीम आर्मी की साजिश
वो कौन लोग थे, जिन्होंने हाथरस कांड के बहाने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की छवि धूमिल करने में लगे थे और सरकार विरोधी बयान दे रहे थे. बड़ा खुलासा ये हुआ है कि इस साजिश को भीम आर्मी ने रची थी.
खुफिया सूत्रों के हवाले से पुलिस को ये पता चला है कि हाथरस की घटना के बाद भीम आर्मी के तीन लोग पीड़िता के घर उनके रिश्तेदार बनकर रहे थे. उन्होंने ही घर में रहकर परिजनों को सरकार के विरोध में भड़काया. इतना ही नहीं खुद को पीड़ित परिवार का रिश्तेदार बताकर भीम आर्मी के लोग मीडिया में लगातार सरकार विरोधी बयान भी देते रहे, जिसके चलते यह मुद्दा इतना बड़ा बन गया.
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की संलिप्तता
बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को घटना हुई, लेकिन 19 सितंबर से राजनीतिक लोगों की आवाजाही शुरू हुई. 27 सितंबर को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर, अलीगढ़ में भर्ती युवती का हाल जानने पहुंचे थे. उन्होंने अनुसूचित जाति के दमन का आरोप लगाया था. यहीं से भीम आर्मी के कार्यकर्ता पीड़ित परिवार के संपर्क में आए. पीड़ित युवती की 29 सितंबर की सुबह करीब छह बजे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली में मौत हुई थी. जिसके बाद उसी दिन भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर भी सफदरजंग अस्पताल पहुंचे थे. पुलिस ने रातों रात जब पीड़िता का अंतिम संस्कार किया तो उसी दिन से भीम आर्मी से जुड़ी एक युवती और दो पुरुष पीड़ित परिवार के साथ साए की तरह लग गए. ये लोग खुद को पीड़ित परिवार का रिश्तेदार बताकर मीडिया में बयान देते रहे. जिनके निशाने पर प्रशासन और सरकार थी.
अब आपको भीम आर्मी की इस साजिश का खुलासा कैसे हुआ ये बताते हैं. 4 अक्टूबर को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर हाथरस गए थे. चंद्रशेखर ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा और डर से पलायन के मसले को तूल दिया था. इसी के बाद से परिवार के हर सदस्य को पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षाकर्मी देने की रणनीति तैयार की. सबसे पहले इसकी जानकारी जुटाई गई कि परिवार में कौन-कौन हैं? इससे परिवार में रिश्तेदार बनकर रह रहे लोग पहचान में आ गए. हालांकि भीम आर्मी के तीनों सद्स्य सरकार और पुलिस की सख्ती से घबराकर मौके से खिसक लिए.
ऐसी भी खबर आ रही है कि पीड़ित परिवार के साथ रिश्तेदार बनकर रह रहे लोगों ने ही सरकार विरोधी बयानों के वीडियो बनाकर वायरल किए. जिसके चलते ही मामले ने तूल पकड़ा और सियासी महाभारत मची. हाथरस गैंगरेप मामले में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी जांच तेज कर दी है. पीड़िता के दाह संस्कार वाले दिन कौन कौन घटनास्थल पर गांव का मौजूद था, उसको पूछताछ के लिए बुलाया गया है. एसआईटी ने गांव के 40 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है.
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