नई दिल्ली: उन 8 पुलिसकर्मियों के परिजनों के मन को चैन मिल गया, जिसने अपने कर्तव्य के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. जिसने समाज को अपराध मुक्त करने की शपथ ली थी और उस शपथ को पूरा करने के लिए उन्होंने जान की बाज़ी लगा दी. कानपुर के अपराधी विकास दुबे का एनकाउंटर हो गया है. जिसे लेकर बलिदान हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों की प्रतिक्रिया आई है.
खाकी के हीरोज़ को मिल गया इंसाफ!
पुलिस के डीएसपी देवेंद्र मिश्र, जो कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई की गैंग्स्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए थे. लेकिन वहां एनकाउंटर में वीरगति को प्राप्त हो गए थे. सात दिन और सात रातों से देवेंद्र मिश्र का परिवार इंसाफ का इंतजार कर रहा था. उनकी प्रतीक्षा शुक्रवार सुबह खत्म हुई, जब विकास दुबे के एनकाउंटर की खबर आई.
नेबूलाल बिंद के परिजनों को मिला सुकून
कानपुर एनकाउंटर में शहीद सब इंस्पेक्टर नेबूलाल बिंद के पिता कालिका प्रसाद को भी आज सुकून मिल गया है. एक बहादुर बेटे को खोने का गम क्या होता है, ये एक पिता का मन ही जानता है. प्रयागराज में रहने वाले कालिका प्रसाद पिछले एक सप्ताह से एक ही बात कह रहे थे कि उनके जांबाज बेटे की शहादत का इंसाफ होना चाहिए.
शहीद के कातिल और कानपुर एनकाउंटर के मुख्य आरोपी विकास दुबे को उसके किए की सजा मिलनी चाहिए. विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद शहीद के पिता को संतोष मिला है.
शहीद एसआई नेबू लाल बिंद के पिता कहते हैं कि विकास दुबे को हिस्ट्रीशीटर अपराधी था, उसका एनकाउंटर हो गया लेकिन सजा तो उन विभीषणों को भी मिलनी चाहिए तो खाकी वर्दी पहन कर पुलिस फोर्स के साथ गद्दारी करते हैं.
अनूप सिंह के परिवारवालों को ये है उम्मीद
कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे को पकड़ने के लिए जो पुलिस टीम गई थी, उसमें सब इंस्पेक्टर अनूप सिंह भी शामिल थे. विकास दुबे और उसके साथियों की फायरिंग में अनूप सिंह भी शहीद हो गए.
रमेश बहादुर के पिता के जख्मों पर मरहम
अनूप सिंह के पिता रमेश बहादुर सिंह को अपने शहीद बेटे पर अभिमान है. लेकिन इसके साथ बेटे की मौत ने उनके दिल पर ऐसा जख्म छोड़ा है, जो शायद ही कभी भर सके. एसटीएफ के साथ एनकाउंटर में विकास दुबे के मारे जाने की खबर से उनके जख्मों पर मरहम लगा है.
बबलू दुबे के भाई ने CBI जांच की मांग की
इंसाफ अभी अधूरा है क्योंकि वर्दी वाले भेदियों को सजा नहीं मिली है. ये कहना शहीद बबलू कुमार के परिवार का है. 2 जुलाई की रात कानपुर के बिकरू गांव में गैंग्सटर विकास दुबे और उसके गिरोह के साथ मुठभेड़ में सिपाही बबलू कुमार शहीद हो गए थे. शहीद बबलू का परिवार आगरा में रहता है.
शहीद सिपाही बबलू कुमार के भाई दिनेश कुमार का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि "विकास दुबे मारा गया, लेकिन असली गुनहगार को सरकार बचा रही है, पूरे मामले की CBI जांच हो ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो. मेरे भाई की शहादत व्यर्थ ना जाए"
सुल्तान सिंह के परिजनों ने की ये पड़ी मांग
मुठभेड़ में बलिदान हुए, सुल्तान सिंह के पिता हरप्रसाद का कहना है कि विकास दुबे की एनकाउंटर में हुई मौत के बाद वे संतुष्ट तो है लेकिन उनकी मांग है कि गद्दार जो पुलिस वाले हैं जिसकी वजह से कानपुर में घटना हुई थी, उनको भी इसी तरह की सजा दी जाए.
जितेंद्र का परिवार कार्रवाई से संतुष्ट नहीं
वहीं शहीद जितेंद्र के भाई ने जी मीडिया ने खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने कहा कि परिवार अभी कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, विकास दुबे से जुड़े लोगों के नाम उजागर करने की मांग की गई है.
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विकास दुबे का एनकाउंटर सिर्फ एक गैंग्स्टर का अंत नहीं है. ये एक कठोर संदेश है कि अपराधी चाहे कितना भी ताकतवर क्यों हो, वो सजा से बच नहीं सकता. जब भी कोई बदमाश विकास दुबे की तरह कानून के रखवालों का दुश्मन बनेगा, तो उसका यही अंजाम होगा.
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