लॉकडाउन के दौरान गेमिंग के शौकीनों पर है ऑनलाइन ठगों की नजर

कोरोना महामारी के बीच देश में लॉकडाउन जारी है. घर में रहते हुए लोगों का सहारा इंटरनेट ही बचा है. चाहे वर्क फ्रॉम होम हो या एंटरटेनमेंट, पढ़ाई और या फिर गेमिंग. अब इनके निशाने पर हैं इंटरनेट पर गेमिंग के शौकीन.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 18, 2020, 05:37 PM IST
    • लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट की चूक से अकाउंट हो जाएगा साफ
    • हैकर ब्लास्ट एसएमएस के ज़रिए भेज रहे लिंक
    • लिंक में नकद इनाम जीतने का ब्यौरा
    • लालच में लोग लिंक को क्लिक करते हैं
    • इसमें बैंक खाते की डीटेल भी मांगी जाती है
    • ये जानकारी देने के बाद आप साइबर रिस्क पर आ जाते हैं
    • मालवेयर के जरिये मोबाइल, कंप्यूटर से निजी डेटा चोरी
    • मालवेयर का इस्तेमाल जासूसी, डेटा चुराने में
    • मालवेयर से सिस्टम के सॉफ्टवेयर को नुकसान
    • इंटरनेट पर गेमिंग को लेकर कई लिंक्स, एप्लीकेशन शेयर हो रहे
    • ठगी के लिए बनाए गए फर्ज़ी लिंक्स
    • हैकर आपका अकाउंट खाली कर सकता है
लॉकडाउन के दौरान गेमिंग के शौकीनों पर है ऑनलाइन ठगों की नजर

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान आपके अकाउंट पर शातिर ठगों की निगाहें भी लगी हुई हैं...ये जालसाज़ नए नए तरीकों से आपका अकाउंट खाली करने की तरकीबें निकाल रहे हैं.  

गेमिंग के शौकीनों पर ठगों की नजर 
अगर आप लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट पर अलग अलग गेम्स खेलकर अपना मनोरंजन कर रहे हैं और टाइमपास कर रहे हैं तो होशियार रहें. क्योंकि शातिर हैकर आपको फंसाने के लिए जाल बुन रहे हैं. 

करीब 150 अरब डॉलर की गेमिंग इंडस्ट्री पर साइबर ठगों की नज़र पहले से ही रही है. लेकिन कोरोना काल में इनकी गतिविधि और तेज़ हो गई है. साइबर अपराधियों ने गेमिंग के शौकीन भोले भाले लोगों का बैंक अकाउंट साफ करने का एक आसान रास्ता निकाला है. 

हैकर SMS के जरिए आपको फर्ज़ी गेमिंग वेबसाइट्स के लिंक भेज रहे हैं जो देखने में बिल्कुल असली वेबसाइट की तरह लगती है. इस पर रजिस्टर करने के साथ ही आपका अकाउंट साफ होने का रास्ता तैयार हो जाता है.

इस तरह लगा रहे हैं लोगो का चूना
हैकर ब्लास्ट एसएमएस के जरिए लिंक भेज रहे हैं. जिसमें लिखा होता है कि आपके खाते में अभी 2 हजार, 5 हजार 10 हजार या 20 हजार तक पहुंच सकते हैं, बस आपको अटैच लिंक को क्लिक करना है. पैसों के लालच में लोग लिंक को क्लिक कर देते हैं.

क्लिक करते ही वो यूजर को एक गेमिंग साइट पर ले जाता है. साइट दावा करती है कि खेल में जीता गया नकद इनाम अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. लोग इस पर रजिस्टर करके अपना अकाउंट बना लेते हैं. इस दौरान बैंक खाते की डीटेल भी मांगी जाती है. 

लेकिन ये जानकारी देने के बाद आप साइबर रिस्क पर आ जाते हैं. आपके बैंक डीटेल की जानकारी साइबर अपराधी के पास पहुंचते ही आपके बैंक खाते से रकम साफ कर दी जाती है.

सरकार ने किया है सतर्क 
साइबर सेल ने भी अपील जारी कर लोगों को गेमिंग के दौरान सावधान रहने को कहा है. गृहमंत्रालय भी लगातार लोगों को आगाह कर रहा है कि वो इंटरनेट पर या एसएमएस या फिर फोन के ज़रिए मांगी जाने वाली निजी जानकारी कत्तई साझा ना करें. क्योंकि आपके बैंक अकाउंट या पिन से जुड़ी कोई भी जानकारी कहीं नहीं मांगी जाती.

कुछ इस तरह आपके कंप्यूटर में सेंध लगाते हैं साइबर अपराधी
साइबर अपराधी कोरोना वायरस के नाम पर मालवेयर के जरिये मोबाइल फोन और कंप्यूटर से निजी डाटा चुराने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल मालवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है जो जासूसी, डेटा चुराने या सिस्टम के सॉफ्टवेयर को नुकसान पहुंचाने के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किया जाता है.

इंटरनेट पर कोरोना वायरस को लेकर कई लिंक्स और एप्लीकेशन प्रोग्राम शेयर किए जा रहे हैं जो कोरोना से जुड़ी जानकारियां देने के नाम पर ठगी के लिए बनाए गए हैं. लोग जैसे ही इस तरह के लिंक पर क्लिक करते हैं या प्रोग्राम इंस्टाल करते हैं इनके साथ मुफ्त में अटैच मालवेयर प्रोग्राम भी आपके सिस्टम में जगह बना लेता है और आपका कॉन्फिडेंशियल डाटा चुरा लेता है. कई बार तो हैकर आपका पूरा अकाउंट खाली कर देता है. 

सुरक्षा के लिए ऐसे बरतें सावधानी
इंटरनेट पर जाते ही आपको ऐसे बहुत से लुभावने एड भी नज़र आएंगे जो गेमिंग से जुड़े होंगे. तो अगर गेमिंग के शौकीन हैं तो इस तरह सावधानी रखें.

- इनबॉक्स, सोशल मीडिया या किसी साइट पर दिए लिंक पर क्लिक करने से बचें. 
- जिन लिंक्स में https के बजाय सिर्फ http लिखा हो उन पर क्लिक न करें.
- किसी भी लिंक की प्रमाणिकता साबित होने पर ही क्लिक करें.
- कोई भी पर्सनल जानकारी फोन पर किसी से भी शेयर न करें. 
- केवाईसी के नाम पर मांगी गई कोई भी जानकारी फोन या मेसेज के ज़रिए ना दें.
- किसी भी अंजान की तरफ से भेजे गए ई-मेल, मैसेज या किसी दूसरे ढंग से भेजे गए लिंक को खोलने से बचें.
- किसी अंजान एप को अपने मोबाइल में इंस्टाल न करें. 
- किसी भी अंजान वेबसाइट को अपने सिस्टम में न खोलें.
- फ्रॉड होने पर फौरन सूचना साइबर सेल को दें.
- साइबर फ्रॉड से बचने के लिए गृहमंत्रालय के ट्विटर हैंडल @Cyber Dost पर या नेशनल क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर जा सकते हैं

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