पालघर में मॉब लिंचिंग या मजहबी मर्डर? देखिए: बर्बर, बेरहम और बेहद ही बेदर्द VIDEO

महाराष्ट्र के पालघर इलाके में भीड़ के रूप में शैतानों ने 2 साधुओं समेत 3 लोगों की हत्या कर दी. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि ये मॉब लिंचिंग है या मज़हब के नाम पर मर्डर? क्योंकि सोशल मीडिया पर दिल दहला देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 20, 2020, 03:56 AM IST
    1. मॉब लिंचिंग या मज़हब के नाम पर मर्डर?
    2. लॉकडाउन में दो साधुओं का कत्ल
    3. पालघर में ट्रिपल मर्डर का सच क्या?
    4. पालघर में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या
    5. मृतकों में जूना अखाड़े के दो संत शामिल
    6. अब तक 110 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
पालघर में मॉब लिंचिंग या मजहबी मर्डर? देखिए: बर्बर, बेरहम और बेहद ही बेदर्द VIDEO

मुंबई: वो कहते हैं ना इंसानों के शक्ल में सैकड़ों हैवान... कुछ ऐसा ही नजारा सामने आ रहा है मुंबई के पालघर में हुए दो साधुओं और उसके ड्राइवर के हत्या मामले में. क्योंकि, जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं वो वाकई बर्बर, बेरहम और बेहद ही बेदर्द हैं.

इंसानों के शक्ल में 'भेड़ियों की फौज'

महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या का मामला तूल पकड़ रहा है. घटना 16 अप्रैल की है, प्रशासन का कहना है कि लॉकडाउन के बीच दोनों साधु अपने गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिये दादर नगर हवेली जा रहे थे. पालघर के कासा पुलिस स्टेशन के गडचिंचले गांव में लोगों ने साधुओं और उनके ड्राइवर को बुरी तरह पीटा.

ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हो रही हैं. भले तस्वीरें में दिख रही ये भीड़ देखने में आपको इंसान लगे, मगर सच ये है कि ये इंसान की शक्ल में जीते-जागते शैतान हैं. इनकी जुर्म-ए-करतूत इसकी सबसे बड़ी गवाह है.

पालघर में शैतानों की खूनी वारदात

दरअसल, तस्वीरें देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सटे पालघर की है. जहां सैकड़ों लोगों की दो साधुओं और उसके ड्राइवर को मार-मार कर मौत के घाट उतार डाला. जिस वक्त इस खूनी मंजर को अंजाम दिया जा रहा था वहां, पुलिस भी मौजूद थी. मगर जाने ऐसा क्या होता है कि पुलिसवाले किनारा कर लेते हैं और साधु को भीड़ में इन शैतानों ने दबोच लिया.

जंगली जानवरों की तरह ये भीड़ साधुओं और उनके ड्राइवर पर टूट पड़ती है, एक तरफ से कोई लाठी से हमला कर रहा है. तो दूसरी तरफ कोई तेज धारदार हथियार से वार करता है. देखते ही देखते तीनों दम तोड़ देते हैं.

कत्ल होते तमाशा देखती रही 'खाकी'

पालघर के कलेक्टर कैलाश शिंदे ने कहा है कि "शिकायत मिलने के बाद पुलिस वहां पहुंच जाती है. मगर इसके बाद भीड़ दोबारा हमला कर देती है. इसमें पुलिस वालों को भी चोट लगती है. बाद में इन्हें पहुंचाया जाता है. जहां इन्हें मृत घोषित कर दिया जाता है."

पालघर के कलेक्टर का खुद कहना है कि पुलिस की मौजूदगी में भीड़ इन लोगों पर एक बार नहीं, बल्कि दो-दो बार हमला करती है. फिर बेरहमी से इनका कत्ल भी कर देती है और खाकी तमाशा देखने के अलावा कुछ नहीं करती. दोनों मृतक संतों का रिश्ता जूना अखाड़े से जुड़ा है. ऐसे में संतों ने उद्धव सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है.

उद्धव सरकार के खिलाफ संतों का आंदोलन

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि "अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद लॉकडाउन के बाद सभी अखड़ों की बैठक बुलाएगी. इसके बाद सभी साधु संत मिलकर हम महाराष्ट सरकार को दोषियों पर कार्रवाई के लिए घेरेंगे."

संतों के साथ ही इस बर्बरता की गूंज महाराष्ट्र के सियासी गलियारों तक भी पहुंच गई है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं.

पूर्व सीएम फडणवीस ने बताया शर्मनाक

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि "जिस तरह साधुओं पर हमला किया गया वो मानवता को शर्मसार करने वाली है. सबसे शर्मनाक ये है कि पुलिस की मौजूदगी में भीड़ लोगों को मारती है, लाठी बरसाती है, मार डालती है."

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मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने 110 लोगों को गिरफ्तार किया है. मगर अभी भी ये सवाल जस का तस बना हुआ है कि लॉकडाउन के बीच आखिर इतनी बड़ी तादाद में भीड़ जमा कैसे हो गई और उससे भी बड़ा सवाल ये कि आखिर इस भीड़ ने किस नीयत से तीन-तीन लोगों इतनी बेरहमी से मार डाला.

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