नई दिल्ली: जमातियों के जरिये देश में कोरोना फैलाने के बाद से मौलाना साद फरार है. लेकिन पुलिस के शिकंजे से दूर रहना उसके लिए ज्यादा दिनों तक संभव नहीं हो पाएगा. पुलिस ने मौलाना साद के जुर्मों का हिसाब करना शुरू कर दिया है.
क्राइम ब्रांच को मक्कार मौलाना साद ने लिखी चिट्ठी
एक तरफ पुलिस ने अपनी कार्रवाई आगे बढ़ाई तो मौलाना साद ने क्राइम ब्रांच को चिट्ठी लिखकर एफआईआर कॉपी मांगी है और ये कहा है कि उसने 91CRPC के तहत मांगी गई जानकारी दे दी है. वो जांच में सहयोग कर रहा है.
हवाला के जरिये हो रही थी मरकज़ में ज्यादातर फंडिंग
इससे इतर मरकज़ कार्यक्रम से पहले मौलाना साद के खाते में बड़ी रकम आई. 2005 के बाद हवाला के जरिये मरकज़ के खाते में इतनी बड़ी रकम आई थी. सऊदी अरब और बाकी देशों से खाने-पीने के नाम पर कैश आना शुरू हुआ. सूत्रों के मुताबिक निजामुद्दीन मरकज़ में ज्यादातर फंडिंग हवाला के जरिये हो रही थी. ये खुलासे दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आए हैं.
तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी केस दर्ज कर लिया है. साद के खिलाफ ये केस मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दर्ज किया गया है. बुधवार को ही दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था.
मरकज से दो रजिस्टर और CPU भी हुए थे बरामद
इससे पहले तबलीगी जमात के मौलाना साद की मुश्किलें पहले से ही बढ़ती हुई नजर आ रही थीं. बुधवार को ही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम निजामुद्दीन मरकज पहुंची थी. क्राइम ब्रांच ने मरकज से दो रजिस्टर और CPU भी बरामद किए. दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद और जमात के बाकी आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है. इस धारा के तहत कम से कम दस साल या उम्रकैद तक की सज़ा का प्रावधान है.
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इससे पहले मौलाना साद पर महामारी कानून के तहत केस दर्ज किए गए थे. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि मौलाना साद की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. वो चिट्ठी लिखे या फिर भीख मांगे उसे उसके किये की सजा जरूर मिलेगी. शुरूआत से ही पहले पुलिस की चेतावनी को नजरअंदाज करना और फिर अब नोटिस के बाद भी पुलिस से छिपना ये बता रहा है कि मरकज की आंड़ में कैसे मौलाना साद कोरोना के जरिए देश में साजिश रचने का काम कर रहा था.
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