नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली को दहलाने वाली साजिश की एक-एक परत खुलती ही जा रही है. दिल्ली दंगों को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. जिसमें दिल्ली दंगों से निजामुद्दीन मरकज का कनेक्शन सामने आया है.
दिल्ली दंगों का मरकज कनेक्शन
इस कनेक्शन के सामने आने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या दिल्ली में दंगा और हिंसा भड़काने के पीछे क्या मरकज का भी हाथ था? दरअसल, पुलिसिया जांच में इस बात की जानकारी सामने आई है कि राजधानी दिल्ली में हुए दंगा का एक आरोपी निजामुद्दीन मरकज और तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद का बेहद ही करीबी था. यानी वो मौलाना का ऐसा खास था, जो उससे सीधे संपर्क में था.
नाम अब्दुल अलीम जो कि उस मौलाना साद का बेहद करीबी है. उसी मौलाना साद का जो देश में कोरोना फैलाना वाले गुनहगारों की सूची में शामिल होता है. साद पर कई आरोप हैं और वो अबतक फरार है.
वहीं फैजल फारुखी ब्रिजपुरी में राजधानी स्कूल में हुए दंगों का मुख्य आरोपी है. आपको यहां ये जानकर हैरानी होगी कि पुलिसिया जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि दंगों के दौरान दोनों लगातार एक-दूसरे के संपर्क में थे. यानी किसी प्लानिंग पर चर्चा हुआ होने की आशंका है.
दंगा भड़काने में राजधानी पब्लिक स्कूल का इस्तेमाल
पुलिस की जांच में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात ये सामने आई है कि दंगाइयों ने दंगा भड़काने के लिए राजधानी पब्लिक स्कूल का इस्तेमाल किया था. आपको बता दें, दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में एक और 'उपद्रवी' फैजल फारूकी को आरोपी बनाया है. जबकि असल बात ये सामने आ रही है कि पुलिस को इस बात पर संदेह है कि अब्दुल अलीम ने भी दंगा भड़काने में कोई अहम किरदार निभाई थी.
मरकज में शामिल होने वाले जमातियों पर 10 साल का बैन
आपको बता दें, जमाती मुखिया मौलाना साद ने कोरोना के बीच राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में एक मजहबी कार्यक्रम का आयोजन किया था. जिसमें भारी तादाद में हिन्दुस्तानी और विदेशी मुसलमान शिरकत करने पहुंचे थे. इस बीच सूत्रों के हवाले से ये भी जानकारी सामने आ रही है कि निजामुद्दीन मरकज में आए 2 हजार से ज़्यादा विदेशी जमातियों के भारत आने पर आने वाले 10 सालों का बैन लगाया गया है. जानकरी ये भी सामने आ रही है कि गृह मंत्रालय ने सबको ब्लैकलिस्ट किया है.
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वहीं दिल्ली दंगों के दिलबर नेगी मामले में क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. ये चार्जशीट कुल 70 पन्नों की है, जिसके मुताबिक इस दिल्ली दंगे मामले में करीब 50 लोग गवाह हैं. वहीं अगर गिरफ्तारी की बात करें तो पुलिस ने इस मामले में अबतक कुल 12 लोगों को अरेस्ट किया है. सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. दिलबर नेगी की पीट-पीट कर हत्या करने के बाद उसपर पेट्रोल छिड़ककर जला दिया गया था.
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