क्या आपने कभी ये सोचा है कि अगर तबलीगी जमात ना होती तो...?

पूरा देश जिस वक्त कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है, उस दौरान तबलीगी जमात देश में कोरोना फैलाने के लिए गंदी करतूत करते हुए बाज नहीं आ रहा है. लेकिन यहां सवाल ये है कि अगर तबलीगी जमात नहीं होती तो क्या होता?

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Apr 7, 2020, 06:46 AM IST
    1. अगर तबलीगी जमात ना होती तो क्या होता?
    2. क्या ऐसी जमात को यूं ही गुनाह करते देना चाहिए?
    3. पिछले 7 दिनों से कहां फरार है मौलाना साद?
क्या आपने कभी ये सोचा है कि अगर तबलीगी जमात ना होती तो...?

नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ जंग में भारत बहुत ही मजबूती से लड़ रहा था. भारत में 7 दिन पहले तक मामला नियंत्रण में था. लेकिन, जमात के कोरोना फिदायीन ने पूरे देश को महामारी के मुहाने पर लाकर रख दिया है. कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं.

अगर तबलीगी जमात ना होती तो क्या होता?

अब आप ये समझिए कि देश में अगर तबलीगी जमात ना होती तो अभी हालात कैसे काबू में होते...

- अगर तबलीगी जमात ना होती तो, 1445 लोग कोरोना से संक्रमित नहीं होते
- अगर तबलीगी जमात ना होती तो, 4000 से ज्यादा मामले नहीं करीब 2500 मामले ही होते
- अगर तबलीगी जमात ना होती तो, देश के 17 राज्यों में कोरोना नहीं फैलता
- अगर तबलीगी जमात ना होती तो, मौत का आंकड़ा 100 के पार नहीं होता
- अगर तबलीगी जमात ना होती तो, दिल्ली में 500 की जगह सिर्फ 200 मामले होते
- अगर तबलीगी जमात ना होती तो, 25 हज़ार लोगों को क्वारंटाइन में नहीं रखना पड़ता

मौलाना की जमात पहले तो महामारी फैलाती है और जो भी उसके गुनाहों का सच दिखाए उसे देख लेने की धमकी देती है.

क्या ऐसी जमात को यूं ही गुनाह करते देना चाहिए?

मौलाना की ये जमात शहर-शहर में कोरोना का हॉट स्पॉट बनाती है और फिर पुलिस पर पत्थर फेंकती है. कोरोना से लड़ने वाले योद्धाओं से बदतमीजी करती है. क्या ऐसी जमात को सबक नहीं सिखाना चाहिए?

मौलाना की इस जमात ने कोरोना फिदायीन बनाकर देश में कोरोना धमाके की साजिश रची है. क्या ऐसी जमात के फरार मौलाना पर मौत का मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए?

पिछले 7 दिनों से कहां फरार है मौलाना साद?

जमात के लोग देश के 17 राज्यों में कोरोना को और तेजी से फैलाने के गुनाहगार हैं. लेकिन सवाल ये है की मोहम्मद साद कहां है? 

क्या कोरोना से खतरनाक मौलाना दिल्ली में ही छिपा है? लेकिन अब मौलाना साद पर हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग शुरू हो गई है. तो फिर महामारी के मौलाना पर हत्या का चार्ज कब लगेगा?

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अंदाजा लगाइये 133 करोड़ की हमारे देश की आबादी है. अभी भी अगर जमात के कोरोना केस ना आए होते तो काफी हद तक स्थिति नियंत्रण में ही है. यूरोप और अमेरिका की तरह हिंदुस्तान में हालात काबू से बाहर नहीं हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं पाकिस्तान ऐसी ही कोशिश कर रहा है की हिन्दुस्तान का अभियान कोरोना के खिलाफ कमजोर पड़े.

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