हाथरस केस: PFI एजेंट ने पत्रकार बनकर रची हिंसा की साजिश!

यूपी और देश में जातीय हिंसा सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए हाथरस की बेटी का इस्तेमाल किया गया? इसका खुलासा धीरे-धीरे हो रहा है. इसी बीच हाथरस में जातीय हिंसा की साजिश में PFI के 4 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. अतिकुर्रहमान, सिद्दीकी, आलम और मसूद को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 6, 2020, 11:12 AM IST
  • यूपी में 'दंगा मॉडल' का मास्टरमाइंड कौन?
  • हाथरस केस में PFI की साजिश का खुलासा
  • गिरफ्तार आरोपी अतीकुर्रहमान है PFI एजेंट- सूत्र
  • दंगों के लिए फंड इकट्ठा करने की थी जिम्मेदारी
  • दिल्ली के शाहीन बाग में भी रुका था अतीकुर्रहमान
हाथरस केस: PFI एजेंट ने पत्रकार बनकर रची हिंसा की साजिश!

लखनऊ: क्या हाथरस के नाम पर पूरे उत्तर प्रदेश को जलाने की साजिश की थी? क्या बेटी को इंसाफ दिलाने के नाम पर दंगा भड़काने का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया था? इसका सच अब धीरे-धीरे सबके सामने आ रहा है.

दंगा की साजिश रचने वाला एजेंट= अतीकुर्रहमान

हाथरस मामले में रोजाना नए नए खुलासे हो रहे हैं. हाथरस के नाम पर यूपी में दंगा फैलाने के लिए PFI ने बड़ी साजिश रची थी. PFI उत्तर प्रदेश को हिंसा की आग में जलाना चाहता था. सूत्रों का कहना है कि PFI के एजेंटों ने पत्रकार बनकर हिंसा की साजिश की साजिश रची थी. 

मुजफ्फरनगर का रहने वाला अतीकुर्रहमान

इस मामले में पीएफआई के चार संदिग्ध एजेंटों को गिरफ्तार किया है. जिसमें एक का नाम अतीकुर्रहमान है, जो मुफ्फरनगर का रहने वाला है. सूत्रों का कहना है कि अतीकुर्रहमान के पास दंगों के लिए फंड इकट्ठा करने की जिम्मेदारी थी. वो दिल्ली के शाहीन बाग में भी रुका था.

बताया जा रहा है कि अतीकुर्रहमान कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया नाम की संस्था का कोषाध्यक्ष भी है. मथुरा से PFI के जिन चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. उसमें अतीकुर्रहमान के अलावा सिद्दीकी, आलम और मसूद शामिल है.

मथुरा से PFI के 4 एजेंट को किया गया गिरफ्तार

इस बीच मथुरा में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन चारों का संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई और कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से बताया जा रहा है. इनमें एक केरल के मलप्पुरम का रहने वाला है, जबकि बाकी मुजफ्फरनगर, बहराईच और रामपुर के रहने वाले हैं. इनके पास से हाथरस में दंगा फैलाने के लिए बनाई गई वेबसाइट जस्टिस फॉर हाथरस से जुड़े होने के भी सुराग मिले है. इनके पास से भड़काऊ और आपत्तिजनक कंटेंट भी बरामद किए गए हैं.

हाथरस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक अलग-अलग 19 FIR दर्ज की हैं. इनमें प्रदेश का माहौल बिगाड़ने और जातीय हिंसा फैलाने की साजिश की बात कही गई है. हाथरस पुलिस ने देशद्रोह समेत 20 अलग अलग धाराओं में केस दर्ज किया है. इसके साथ हाथरस में हुए हंगामे को लेकर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 400 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया.

नेताओं की भूमिका आ रही है सामने

जिसमें आरएलडी नेता जयंत चौधरी, भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर भी शामिल है. समाजवादी पार्टी और RLD के कार्यकर्ताओं पर भी केस दर्ज हुए है.

हाथरस में पीड़ित परिवार की भी सुरक्षा बढ़ाई दी गई है. पीड़ित के घर पर  PAC से 15 जवान तैनात कर दिए गए है. पीड़ित के भाई की सुरक्षा में 2 गनमैन तैनात किए है.

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इंसाफ की लड़ाई और सियासत के बीच इतनी गहरी साजिश रची गई थी कि अगर ये कामयाब होती तो यूपी जल उठता.

सूत्रों के मुताबिक हाथरस में साज़िश का मकसद योगी सरकार औऱ केन्द्र में मोदी सरकार की छवि को चोट पहुंचाना था और इस साज़िश को नेता औऱ डिज़ायनर पत्रकारों ने मिलकर अंजाम दिया है.

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