रतनलाल की हत्या के मामले में 17 दंगाइयों के खिलाफ 1100 पन्ने की चार्जशीट दाखिल

दिल्ली दंगे के दौरान हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले में चार्जशीट दाखिल कर ली गई है. 17 दंगाइयों के खिलाफ SIT ने करीब 1100 पन्ने का आरोपपत्र दाखिल किया है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 8, 2020, 04:10 PM IST
    • 17 'दंगाइयों' के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
    • रतनलाल के हत्यारों के खिलाफ आरोपपत्र
    • SIT ने 1100 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की
    • 60 से ज्यादा लोगों को बनाया गया गवाह
रतनलाल की हत्या के मामले में 17 दंगाइयों के खिलाफ 1100 पन्ने की चार्जशीट दाखिल

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में देश की राजधानी दिल्ली को दहलाने की साजिश रची गई थी. उस दौरान उत्तरी दिल्ली में हुए दंगों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या कर दी गई थी. साथ ही IPS अमित शर्मा और अनुज कुमार पर जानलेवा हमला किया गया था.

17 'दंगाइयों' के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

इस मामले में 17 आरोपियों के खिलाफ सोमवार को चार्जशीट दाखिल कर ली गई है. दंगाइयों ने उस मोहन नर्सिंग होम पर भी हमला किया था, जहां घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए ले जाया गया था.

SIT ने 1100 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की

बता दें, दिल्ली हिंसा मामले में क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने चार्जशीट दाखिल की है. विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले में चार्जशीट दाखिल की. जानकारी के अनुसार कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या मामले में करीब 1100 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई है. चार्जशीट में इस बात की जानकारी भी दी गई है कि हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की हत्या मामले में 17 लोगों को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया है.

60 से ज्यादा लोगों को बनाया गया गवाह

रतनलाल की हत्या के मामले में अभी भी कई आरोपियों का गिरफ्तारी होना अभी बाकी है. जानकारी ये भी है कि इन आरोपियों में कुछ महिलाएं भी शामिल है. इस चार्जशीट में करीब 60 से अधिक लोगों को गवाह बनाया गया है. वहीं अगर सबूत की बात करें तो, इसके तौर पर CCTV फुटेज और मोबाइल वीडियो के अलावा मौके पर मौजूद चश्मदीद पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मियों के बयान को शामिल किया गया है.

विशेष जांच दल ने इस चार्जशीट में ये भी बताया है कि राजधानी दिल्ली में दंगे होने से पहले 22 फरवरी को तकरीबन 40 से 50 उपद्रवियों के ग्रुप की एक घर के बेसमेंट में बाकायदा बैठक हुई थी, जहां दंगे की साजिश रची गई थी.

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चार्जशीट में जो सबसे अलग बात है वो ये सामने आ रही है कि दंगाई बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहने की नसीहत देकर सड़कों पर उत्पात मचाने के लिए निकले थे. चार्जशीट में इस बात की जानकारी दी गई है कि 23 फरवरी को हंमागा करने के बाद दंगाई वापस लौट गए थे, लेकिन 24 फरवरी को फिर से वो सड़कों पर दंगा करने के लिए निकल आए थे.

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