नई दिल्ली: CAA और NRC के नाम पर मजहबी कट्टरपंथी नेताओं ने राजधानी को जलाने की भयानक साजिश रची थी. इस आग में 50 से भी अधिक लोगों की जान चली गयी थी. दिल्ली पुलिस पर तब विपक्षी नेता तरह तरह के आरोप लगा रहे थे. इन दंगों में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया है. उसके घर से पेट्रोल बम और बारूद का जखीरा बरामद हुआ था जिसके माध्यम से पूरी दिल्ली को दंगों की आग से दहलाना था.
दंगों में ही हुई थी अकबरी बेगम की हत्या
आपको बता दें कि 85 साल की अकबरी बेगम की हत्या के मामले में आज दिल्ली पुलिस 6 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर रही है. ये चार्जशीट क्राइम ब्रांच दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश कर रही है. 25 फरवरी को दिल्ली के भजनपुरा इलाके में अकबरी बेगम की घर में लाश मिली थी. पुलिस ने इस हत्या में तकरीबन आठ लोगों को गिरफ्तार किया था.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने की जांच
नागरिकता कानून के विरोध में शाहीन बाग में मुस्लिम महिलाओं जो साजिशन धरने पर बिठाया गया और शाहीन बाग में धरनास्थल से खूब देशविरोधी बयानबाजी की गई. इसमें बहुसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने के लिए उग्र और साम्प्रदायिक भाषण दिए गए थे. दिल्ली पुलिस ने इस सबकी जांच की थी. अकबरी बेगम की मौत मामले की जांच क्राइम ब्रांच ने शुरू की और दंगे के दौरान के सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो की जांच की गई. उसे सबूत के तौर पर लिया.
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पुलिस को मोबाइल वीडियो से मिले अहम सबूत
गौरतलब है कि जिन मोबाइल फोन से वीडियो रिकॉर्ड किया गया था उन सभी मोबाइल फोन को और फोन इस्तेमाल कर रहे लोगों को ट्रैक किया गया. जांच के दौरान सभी मोबाइल फोन सीज किये गये थे. शाहीन बाग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को मारने के लिए बच्चों के मन में जहर भरा गया था. इसके कई वीडियो जारी हुए थे. आपको बता दें कि क्राइम ब्रांच इन सभी के खिलाफ दिल्ली की कड़कड़डुमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने जा रही है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक, चार्जशीट में सभी आरोपियों के खिलाफ ओरल और डॉक्यूमेंट्री एविडेंस हैं.