नई दिल्ली: भारत पर दबाव डालने में चीन लगातार नाकाम हो रहा है. ऐसे में LAC के बाद चीन ने LOC पर एक जाल बुना है. जिसमें नाम पाकिस्तान का हो और काम चीन का. उसी का सबूत ये हथियार हैं. आतंकियों के कब्जे से मिली ये 97 एनएसआर' राइफल, जिसे चीन की एक कंपनी 'नोरिंको' तैयार करती है.
ड्रोन से हथियार भेजे जाने का शक
24 सितबंर को जम्मू से दक्षिण कश्मीर जा रही एक बोलरो गाड़ी से सुरक्षाबलों ने दो संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया. उनके कब्जे से दो राइफलें और गोला-बारूद बरामद हुआ. सुरक्षा एजेंसियों को पूरा शक है कि इन हथियारों को ड्रोन के जरिए पाकिस्तान ने जम्मू के सांबा सेक्टर में गिराया था.
ये कोई पहली घटना नहीं थी जब चीन में बनी राइफल सुरक्षाबलों के हाथ लगी थी. इससे पहले 14 सितंबर को एलओसी के गुरेज सेक्टर से जब दो आतंकियों ने भारत की सीमा में दाखिल होने की कोशिश की तो भारतीय सेना ने उन्हें मार गिराया. जब उनके सामान की तलाशी ली गई तो पता चला कि उनके पास से चीन की बनी नोरिंको क्यूबीजेड-95 राइफल बरामद हुई.
आतंकियों से चीनी सांठ-गांठ मजबूत
पिछले कुछ समय से कश्मीर में आतंकियों के कब्जे से चीन में बनी हुई राइफल मिल रही हैं. अभी तक उनके पास से एके-47 या फिर अफगानिस्तान से लूटे गए अमेरिकी हथियार ही बरामद होते थे. लेकिन अब नया ट्रेंड दिखाई पड़ रहा है.
चीन और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, आईएसआई के बीच अब गहरी सांठ-गांठ हो चुकी है. खबर ये भी है कि पाकिस्तानी सेना का एक बड़ा अधिकारी अब बीजिंग स्थित चीन की सेना (PLA) के हेडक्वॉर्टर में तैनात रहता है. इससे पहले इस बात की भी रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि चीन कश्मीर में करीब-करीब खत्म हो चुके अल-बदर नाम के एक आतंकी संगठन को फिर से खड़ा करना चाहता है.
सीमा पर मात खाकर चीन रच रहा है साजिश
आतंकियों के पास से चीन के हथियार मिलना साजिश का सबसे बड़ा सबूत है. क्योंकि जो हथियार पीएलए सैनिक इस्तेमाल करते हैं. वो आतंकियों तक कैसे पहुंच रहे हैं. जाहिर है बिना आईएसआई की मंजूरी के ऐसा होना मुमकिन नहीं. लेकिन भारतीय जांबाजों के रहते हुए चीन को एलओसी पर भी एलएसी जैसा जवाब मिलना तय है.
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