मुंबई: एक तरफ जहां पूरा देश सुशांत सिंह राजपूत(Sushant singh Rajput) की मौत का राज जानने के लिए बेकरार है. वहीं मुंबई में बैठे कुछ शीर्ष सत्ताधीश इसपर अब तक पर्दा डालने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में बीएमसी(BMC) को हथियार बनाया जा रहा है.
कोरोना है बहाना
सुप्रीम कोर्ट(supreme court) द्वारा सीबीआई(CBI) को सुशांत की मौत की जांच का जिम्मा सौंपे जाने के बाद बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने कहा है कि 'अगर सीबीआई टीम सात दिनों के लिए आती है और वापसी का कन्फर्म टिकट हुआ तो उन्हें क्वारंटाइन से छूट मिल जाएगी. लेकिन यदि टीम सात दिनों से अधिक समय के लिए आती है तो उन्हें ईमेल के जरिए छूट मांगनी होगी.' जिसपर बीएमसी विचार करेगी. बीएमसी सूत्रों के मुताबिक 'महाराष्ट्र सरकार के नियमों के मुताबिक जरुरी कामों में लगे सरकारी अधिकारियों और कोरोना ड्यूटी पर लगे डॉक्टर अगर 7 दिनों के लिए महाराष्ट्र में आते हैं तो उन्हें होम क्वारंटाइन के नियम से छूट मिल सकती है. लेकिन अगर बाहर से आया कोई शख्स 7 दिनों से ज्यादा महाराष्ट्र में ठहरना चाहता है तो उसे क्वारंटाइन से छूट के लिए बीएमसी से अनुरोध करना होगा. जिसपर विचार किया जाएगा.
पहले भी अटकाई गई थी सुशांत की मौत की जांच में बाधा
सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत की जांच के लिए इससे पहले पटना के एसपी विनय तिवारी(Bihar Police) मुंबई आए थे. लेकिन तब बीएमसी अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण का बहाना करते हुए उन्हें आधी रात को क्वारंटाइन में भेज दिया था. गलत तरीके से उठाए गए इस कदम की वजह से बीएमसी की काफी आलोचना हुई थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Bihar CM Nitish Kumar) ने इस पर काफी नाराजगी जाहिर की थी. बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी को क्वारंटाइन किए जाने के बीएमसी के कदम को साफ तौर पर सुशांत की मौत की जांच रोकने की कोशिश के तौर पर देखा गया.
ऐसे में जब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंप दी है तो सवाल उठ रहा है कि क्या सीबीआई अधिकारियों को भी विनय तिवारी की ही तरह क्वारंटाइन में भेज दिया जाएगा. जिससे जांच समय पर शुरु ही ना हो पाए.
बीएमसी में शिवसेना का वर्चस्व
बीएमसी यानी बृहन्मुंबई महानगरपालिका में शिवसेना(Shiv sena) का हमेशा से वर्चस्व रहा है. यह एक विशाल संस्था है. साल 2019-20 में बीएमसी का बजट 30,692 का था. जो कि देश के कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है. बीएमसी में 227 सीटें हैं. जिसमें शिवसेना हमेशा हावी रहती है.
अब बीएमसी को हथियार बनाकर महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच में बाधा डाल रही है.
सीबीआई जांच से शिवसेना को क्यों परेशानी
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले को महाराष्ट्र की सरकार आत्महत्या साबित करने पर तुली हुई है. वह सुशांत की रहस्यमय मौत को आत्महत्या करार देकर कभी का बंद कर चुकी होती. लेकिन बिहार सरकार के अनुरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंपने का निर्णय कर लिया है. लेकिन यह महाराष्ट्र सरकार को पसंद नहीं आ रहा है.
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि मुंबई पुलिस सुशांत सिंह राजपूत मामले में जांच करती रहेगी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का यह कहना था कि मामले को मुंबई स्थानांतरित किया जाए क्योंकि यह उसके अधिकार क्षेत्र का मामला है.
ये भी पढ़िए- आखिर क्यों महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार को सुशांत केस की सीबीआई जांच से परहेज है
ये भी पढ़ें- सुशांत सिंह राजपूत की मौत का सच सामने लाने के लिए सीबीआई को क्या करना चाहिए