पटना: न्याय मिलने में देर भले हो जाये लेकिन समय आने पर न्याय के आगे अन्याय को हार ही मिलती है. अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की हमेशा विजय होती है. बिहार के गोपालगंज में एक बार फिर से न्याय की जीत हुई है. 4 साल के मासूम बच्चे को अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए बलि पर चढ़ा देने वाले पापियों को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. पुलिस द्वारा साक्ष्यों के आधार पर चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लवकुश कुमार के न्यायालय ने मासूम की बलि देने वाली दोनों आरोपी महिलाओं को घटना के लिए दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई.
सास बहू को फांसी की सजा
बिहार के गोपालगंज में कोर्ट ने दो महिलाओं को फांसी की सजा सुना दी है जिन्होंने 3 साल पहले 4 साल के मासूम की बलि चढ़ाई थी. गोपालगंज के विजयीपुर थाना के छितौना गांव के विनोद साह का चार साल का बेटा देव कुमार 5 सितंबर 2017 को दिन के करीब दो बजे अपने घर के दरवाजे के समीप खेल रहा था. वहां से इन दोषी महिलाओं ने बच्चे को बहका दिया और धोखे से उसका अपहरण कर लिया. बाद में उस मासूम की निर्ममता से बलि दे दी थी.
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आइसक्रीम देने के बहाने किया अपहरण
गोपालगंज के छितौना गांव की ही एक महिला, इसी मासूम के पास पहुंची तथा उसे आइसक्रीम देने के बहाने उसके दरवाजे से बुलाकर साथ लेकर चली गई. बच्चे के गायब होने पर परिवारवालों ने मासूम की घंटों तलाश की. इसके बाद घटना के अगले दिन मासूम बच्चे का शव विनोद साह के घर के पिछले हिस्से में बरामद किया गया था.
दोनों महिलाओं को बनाया गया था आरोपी
गौरतलब है कि इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मासूम के शव के पास से ही खून लगा एक चाकू भी बरामद किया जिससे बच्चे की गला रेतकर हत्या की गई थी. विनोद साह के बयान पर विजयीपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई जिसमें इसी गांव के सरजू साह की पत्नी दुर्गावती देवी और उनकी बहू सनकेशा देवी को नामजद आरोपित बनाया गया था.