Holashtak 2024: 16 या 17 मार्च कब से शुरू होगा होलाष्टक, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Holashtak 2024: होलाष्टक के दौरान शादी, नामकरण, गृह-प्रवेश, मुंडन संस्कार जैसे कई तरह के अनुष्ठानों पर रोक लग जाती है. इसके अलावा होलाष्टक की अवधि के समय यज्ञ और हवन भी नहीं करना चाहिए.

Written by - Dr. Anish Vyas | Last Updated : Mar 15, 2024, 02:53 PM IST
  • होलाष्टक का धार्मिक महत्व
  • होलाष्टक का शुभ मुहूर्त
Holashtak 2024: 16 या 17 मार्च कब से शुरू होगा होलाष्टक, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्लीः Holashtak 2024: फाल्गुन अष्टमी से होलिका दहन तक आठ दिनों तक होलाष्टक के दौरान इन आठ दिनों में शुभ कार्य नहीं किए जाते लेकिन देवी-देवताओं की आराधना के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं. फाल्गुन अष्टमी से होलिका दहन तक आठ दिनों तक होलाष्टक के दौरान मांगलिक और शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है. इन आठ दिनों में भले ही शुभ कार्य नहीं किए जाते, लेकिन देवी-देवताओं की अराधना के लिए ये दिन बहुत ही श्रेष्ठ माने जाते हैं. इस बार होलिका दहन 24 मार्च तक 2024 को होगा इसलिए होलाष्टक होली से आठ दिन पहले यानी 17 मार्च से लग जाएंगे। वहीं इसके अगले दिन यानी कि 25 मार्च को होली खेली जाएगी.

हिंदू धर्म में होली के पर्व का विशेष महत्व है. साल की शुरुआत होते ही पहला बड़ा त्योहार होली ही होता है. होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है. लेकिन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से ही होलाष्टक लग जाता है. होलाष्टक शब्द होली और अष्टक से से मिलकर बना है. इसका अर्थ है होली के आठ दिन. देशभर में होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को किया जाता है, पूर्णिमा से आठ दिन पहले से होलाष्टक लग जाता है. होलाष्टक के आठ दिनों के बीच विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, मकान-वाहन की खरीदारी आदि किसी भी शुभ कार्य की मनाही होती है. हालांकि ये आठ दिन पूजा पाठ के लिहाज से काफी शुभ माने जाते हैं. 

होलाष्टक का शुभ मुहूर्त 
पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 16 मार्च की रात 9 बजकर 39 मिनट से होगी और जिसका समापन 17 मार्च की सुबह 9 बजकर 53 मिनट पर होगा. ऐसे में होलाष्टक 17 मार्च से लगेगा, जो 24 तारीख को समाप्त होगा. 

होलाष्टक और इसका धार्मिक महत्व
 होलाष्टक होलिका दहन से आठ दिन पहले से लग जाता है. इस बार होलाष्टक 17 मार्च से 24 मार्च तक लगेगा. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है. होलाष्टक के दिन से होली की तैयारी शुरू हो जाती है. ऐसे में होलाष्टक के दौरान लोग शुभ काम नहीं करते और करने से बचते हैं.

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