Holashtak 2024: क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य होली से आठ दिन पहले, जानें महत्व और कथा

Holashtak 2024: होलाष्टक में 16 संस्कार समेत कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है, वहीं यह समय भगवान की भक्ति के लिए उत्तम है. आइए जानते है कि होलाष्टक में क्या करना चाहिए.  

Written by - Shruti Kumari | Last Updated : Mar 17, 2024, 02:42 PM IST
  • होलाष्टक पर न करें ये कार्य
  • क्यों लगते है होलाष्टक
Holashtak 2024: क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य होली से आठ दिन पहले, जानें महत्व और कथा

नई दिल्लीः Holashtak 2024: होलाष्टक होलिका दहन से आठ दिन पहले से लग जाता है. इस बार होलाष्टक 17 मार्च से 24 मार्च तक लगेगा. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है.  इन आठ दिनों में भले ही शुभ कार्य नहीं किए जाते, लेकिन देवी-देवताओं की अराधना के लिए ये दिन बहुत ही श्रेष्ठ माने जाते हैं.  आइए जानते हैं होलाष्टक के बारे में:
 
क्यों लगते है होलाष्टक
होलाष्टक को लेकर एक कथा प्रचलित है कि राजा हिरण्यकश्यप बेटे प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने इन आठ दिन प्रहलाद को कठिन यातनाएं दीं. इसके बाद आठवें दिन बहन होलिका के गोदी में प्रहलाद को बैठा कर जला दिया. लेकिन फिर भी प्रहलाद बच गए. इस लिए इन आठ दिनों को अशुभ माना जाता है और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. होलाष्टक के दौरान सोलह संस्कार सहित सभी शुभ कार्यो को रोक दिया जाता है. इन दिनों गृह प्रवेश या किसी अन्य भवन में प्रवेश करने की भी मनाही होती है. इतना ही नहीं, नई शादी हुई लड़कियों को ससुराल की पहली होली देखने की भी मनाही होती है.
 
होलाष्टक पर न करें ये कार्य 
फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक लग जाता है.  होलाष्टक लगते ही हिंदू धर्म से जुड़े सोलह संस्कार समेत कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.  चाहे कोई नया घर खरीदना हो या कोई नया व्यवसाय शुरू करना हो सभी शुभ कार्य रोक दिये जाते हैं. यदि इस दौरान किसी की मृत्यु हो जाती है तो उनके अंतिम संस्कार के लिए भी शांति कराई जाती है.

होलाष्टक पर करें आराधना 
इस समय भगवान की भक्ति के लिए भी उत्तम माना जाता है. होलाष्टक के दौरान दान-पुण्य करने का विशेष फल प्राप्त होता है. इस दौरान मनुष्य को अधिक से अधिक भगवत भजन और वैदिक अनुष्ठान करने चाहिए, ताकि समस्त कष्टों से मुक्ति मिल सकती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक में गायत्री मंत्र का जाप करने से हर तरह के रोग से छुटकारा मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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