वाराणसी: मां अन्नपूर्णा के इस मंदिर में धनतेरस से प्रसाद के रूप में मिलेगा सिक्का

कनाडा से करीब 108 साल बाद मां अन्नपूर्णा की मूर्ति वापस लाई गई है. अब पहली बार 23 अक्टूबर से श्रद्धालुओं को मां अन्नपूर्णा के दर्शन के साथ प्रसाद के रूप में सिक्का वितरित किया जाएगा. दक्षिण भारत के श्रद्धालु द्वारा दान में दिए गए चांदी से मां अन्नपूर्णा मंदिर की दीवार को रजत मंडित कराया गया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 23, 2022, 08:30 AM IST
  • दर्शन धनतेरस के दिन 23 तारीख की सुबह से शुरू होगा
  • मंदिर में मां अन्नपूर्णा का दर्शन चार दिनों तक चलता रहेगा
वाराणसी: मां अन्नपूर्णा के इस मंदिर में धनतेरस से प्रसाद के रूप में मिलेगा सिक्का

वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति यहां श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण और श्रद्धा का केंद्र बनी हुई है. इस वर्ष पहली बार भक्तों को मां अन्नपूर्णा के दर्शन के साथ रविवार को प्रसाद के रूप में लावा और सिक्का वितरित किया जाएगा. कनाडा से करीब 108 साल बाद यह मूर्ति वापस लाई गई है. वहीं दक्षिण भारत के श्रद्धालु द्वारा दान में दिए गए चांदी से मां अन्नपूर्णा मंदिर की दीवार को रजत मंडित कराया गया है. 

चार दिनों तक होंगे दर्शन
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि मां अन्नपूर्णा का दर्शन धनतेरस के दिन 23 तारीख की सुबह से शुरू होगा और 4 दिनों तक किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि मंदिर के द्वार परंपरागत समय से खुलेंगे और बंद होंगे व निर्धारित समय पर आरती होगी. 

वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी का खजाने वाली देवी का दरबार 23 अक्टूबर से खुल जाएगा. भक्त स्वर्णमयी प्रतिमा के दर्शन कर देवी का खजाना पा सकेंगे. भक्तों में बांटने के लिए 5 लाख सिक्कों की व्यवस्था की गई है. श्री अन्नपूर्णा मंदिर प्रबंधन ने 5 लाख आम सिक्कों के अलावा 30 किलो चांदी के विशेष सिक्के तैयार कराए. अष्टधातु के सिक्के भी इस बार भक्तों में बांटे जाएंगे.

मथुरा प्रशासन ने बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए सुविधा बढ़ाई 
उधर मथुरा जिला प्रशासन ने दीपावली के मौके पर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को और सुविधा देने की व्यवस्था की है. जिलाधिकारी पुलकित खरे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष यादव और नगर आयुक्त अनुनय झा ने मंदिर के आसपास के क्षेत्र का सर्वेक्षण किया. उन्होंने स्थानीय लोगों से सुझाव मांगे. अधिकारियों ने कहा कि श्रद्धालु अब मंदिर के पास के क्षेत्र में अपनी कार खड़ी कर सकेंगे और निर्धारित स्थानों पर अपने जूते-चप्पल जमा कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की मदद के लिए ‘साइनबोर्ड’ लगाए जाएंगे. 

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