नई दिल्लीः Shani Vakri: रविवार यानी आज 5 जून को शनि वक्री हो गए हैं. शनिदेव को न्याय व कर्म का देवता माना गया है. जो व्यक्ति जैसा करता है, शनिदेव उसे वैसा ही फल देता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी ग्रह-नक्षत्रों में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं.
एक राशि में ढाई साल तक रहती है शनि की उपस्थिति
शनिदेव की उपस्थिति एक राशि में ढाई साल तक रहती है, इसके बाद ही वे अपना गोचर करते हैं. शनि इस वक्त अपनी राशि कुंभ राशि में विराजमान हैं, लेकिन 5 जून को कुंभ राशि में वक्री हो गए हैं यानी शनि कुंभ राशि में ही उल्टी दिशा में चलने लगेंगे और फिर 12 जुलाई को मकर राशि में आ जाएंगे.
इसके बाद 25 अक्टूबर मार्गी होकर 17 जनवरी को वापस कुंभ राशि में आ जाएंगे. शनि के वक्री होने पर इसका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा. शनि के वक्री होने कुंभ, सिंह, कर्क, मकर, मीन राशियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं. शनि के वक्री होने पर इन राशि वालों को थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता है.
वाहन चलाने में बरतें सावधानी
इस दौरान जीवनसाथी या लव पार्टनर के साथ कुछ विवाद हो सकते हैं, जिसका असर रिश्तों पर पड़ सकता है. साथ ही कामकाज के दौरान अपने स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखें और किसी छोटी से छोटी बीमारी को भी नजरअंदाज न करें. वक्री होने पर वाहन चलाने पर आप थोड़ी सावधानी बरतें.
इस अवधि के दौरान अपने शत्रुओं और विरोधियों से सावधान रहें, अन्यथा आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं. जो व्यक्ति पहले से किसी परेशानी से गुजर रहे हैं, उनकी समस्या बढ़ने के आसार हैं इसलिए शनिदेव का जप करते रहें.
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