नई दिल्ली: Shani Asta: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि एक राशि में ढाई वर्ष तक रहते हैं. इसके बाद वे दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. इस समय शनि अपनी ही कुंभ राशि में विराजमान हैं. सूर्य देव इसमें गोचर करके कुंभ राशि में आएंगे. इससे शनि की चमक कम हो जाएगी. सूर्य के प्रभाव से शनि अस्त होने जा रहे हैं. शनि 11 फरवरी को शाम 6:56 बजे अस्त होंगे.
38 दिनों तक शनि अस्त स्थिति में रहेगा. 26 मार्च को शनि सुबह 5:20 बजे उदय हो जाएंगे तो इस स्थिति से कुछ राशियों को लाभ होगा. कुछ राशियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं, किन राशियों पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
इन तीन राशियों पर पड़ेगा असर
कुंभ
कुंभ राशि के पहले स्थान पर शनि अस्त होंगे. इस राशि के लोगों को बहुत कष्ट होगा. एक बात तो यह है कि सूर्य और शनि एक-दूसरे के अनुकूल नहीं हैं. आप आत्मविश्वास में कमी महसूस करेंगे. किसी भी कार्य को हाथ में लेने से पहले मन में नकारात्मक विचार चलते रहेंगे. इसलिए 38 दिन शनिदेव की पूजा करना सबसे अच्छा उपाय होगा.
मकर
शनि इस राशि के दूसरे भाव यानी धन और वाणी भाव में गोचर कर रहा है. इसमें शनि के अस्त होते ही आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. पैसों में बार-बार उतार-चढ़ाव आता रहेगा. इसलिए इस समय लेन-देन से बचें. 38 दिनों तक प्रत्येक शनिवार को शनि मंदिर में तिल का दीपक जलाएं.
वृश्चिक
शनि इस राशि के चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं. जैसे-जैसे शनि अस्त होंगे, परेशानी बढ़ती जाएगी. पारिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. बार-बार अपमान सहना पड़ सकता है. 38 दिनों की अवधि में हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ केवल शनिवार के दिन ही करें. इसके अलावा शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए और तिल का दीपक जलाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)