नई दिल्ली: Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध त्योहार है. किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भगवान गणेश को सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय माना गया है. गणेश जी का पूजा करने से घर में धन और वैभव आती है. हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए ढेरों व्रत-उपवास आदि किए जाते हैं. ऐसे में जानिए किस दिन मनाई जाएगी माघ मास संकष्टी चतुर्थी और कैसे करें पूजा.
कब है संकष्टी चतुर्थी
माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस संकष्टी चतुर्थी को तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी भी कहा जाता है. संकष्टी चतुर्थी का व्रत 29 जनवरी, सोमवार को रखा जाएगा. इसका शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 10 मिनट से लेकर 30 जनवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
माघी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठा जाता है. सबसे पहले स्नान कर साफ़ और धुले हुए कपड़े पहन लें. इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है. गणपति की पूजा की शुरुआत करें. भगवान गणेश जी की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए. पूजा करने के लिए भगवान गणेश जी को धूप, दीप और दुर्वा अर्पित किए जाते हैं. भगवान भगवान गणेश जी को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं. उसके बाद गणेश जी के सामने धूप-दीप जला कर निम्लिखित मन्त्र का जाप करें.
संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और घर में शांति बनी रहती है. संकष्टी चतुर्थी के दिन सच्चे मन से गौरी पुत्र भगवान गणेश का ध्यान करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि का वास होता है. पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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