Parivartini, Padma, Parsva Ekadashi: आज नहीं रखा जाएगा एकादशी का व्रत? वृंदावन-बरसाने के संतों ने दी ये जानकारी

Parivartini Ekadashi Final Date: परिवर्तिनी एकादशी को ही पार्श्व एकादशी और पद्मा के नाम से भी जाना जाता है. एकादशी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. देश में लोग एकादशी का व्रत आज रख रहे हैं. लेकिन संत जनों का कुछ और कहना है. तो इसके बारे में आपको बताते हैं.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Sep 14, 2024, 11:16 AM IST
  • 15 सितंबर को एकादशी का व्रत
  • वामन जयंती अभिषेक भी कल किया जाएगा
Parivartini, Padma, Parsva Ekadashi: आज नहीं रखा जाएगा एकादशी का व्रत? वृंदावन-बरसाने के संतों ने दी ये जानकारी

Parsva Ekadashi Fast in Vrindavan-Barsana: भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि यानी 14 सितंबर शनिवार को आज परिवर्तिनी एकादशी है. लेकिन मथुरा वृंदावन-बरसाने में क्या एकादशी का व्रत आज नहीं रखा जाएगा? क्या आज वृंदावन, बरसाने में नहीं है एकादशी? आइए जानते हैं.

पहले तो जान लें कि परिवर्तिनी एकादशी को ही पार्श्व एकादशी और पद्मा के नाम से भी जाना जाता है. एकादशी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. देश में लोग एकादशी का व्रत आज रख रहे हैं. लेकिन संत जनों का कुछ और कहना है. तो इसके बारे में आपको बताते हैं.

राधा रमण मंदिर
आपको बता दें कि वृंदावन स्थित ठाकुर श्री राधा रमण मंदिर में एकादशी 15 तारीख को है. वहां आज नहीं कल व्रत रखा जाएगा. मंदिर से जुड़े एक भक्त ने यह जानकारी दी.

आचार्य श्री पुण्डरीक जी ने क्या बताया?
वहीं, राधारमण मंदिर के पूज्य गोस्वामी आचार्य श्री पुण्डरीक जी महाराज के अनुसार, 15 सितंबर को एकादशी का व्रत रखा जाएगा. साथ ही वामन जयंती अभिषेक भी कल किया जाएगा.

विनोद बाबा के प्रिया कुंज आश्रम में है व्रत?
इसके अलावा, श्री श्री 108 श्री विनोद बाबा जी महाराज(बरसाने वाले) के प्रिया कुंज आश्रम में भी श्री पार्श्व एकादशी 15 सितंबर, रविवार को मनाई जाएगी और इसी दिन एकादशी का व्रत रहेगा. बाबा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, पारण समय मथुरा में 16 सितंबर को प्रात: 6 बजकर 9 मिनट से 9 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. वहीं, कोलकाता में प्रात: 5 बजकर 26 मिनट से लेकर 9 बजकर 30 मिनट (16 सितंबर) तक रहेगा. बता दें कि हिंदुओं के लिए एकादशी, व्रत रखने का एक महत्वपूर्ण दिन होता है.

Aja Ekadashi 2024: एकादशी पर क्या करें?
-सुबह जल्दी उठें, पवित्र जल से स्नान करें.
-भगवान विष्णु को फूल, माला, चंदन का तिलक, तुलसी पत्र चढ़ाएं और देसी घी का दीया जलाएं.
-भगवान विष्णु को पंचामृत, तुलसी पत्र, फल और मखाना खीर (या कोई अन्य घर का बनी मिठाई) का भोग लगाएं.
-'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें, अजा एकादशी कथा का पाठ करें. पूरे दिन विष्णु महामंत्र का जाप भी कर सकते हैं.
-द्वादशी तिथि को दूध से बनी चीजें और फलों के साथ या चावल और नमकीन खाद्य पदार्थों के साथ पारंपरिक रूप से एकादशी व्रत खोलें.
-आरती करें और प्रत्येक परिवार के सदस्य को पंचामृत दें.

एकादशी के दिन करें इन मंत्रों का जाप
1. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय..!!
2. हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे..!!

Parivartini Ekadashi 2024: एकादशी का महत्व
हिंदुओं में एकादशी का बहुत बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. इस दिन को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. भगवान विष्णु के सभी भक्त एकादशी तिथि से कठोर उपवास रखते हैं और इसका समापन द्वादशी तिथि को होता है. लोगों को पारण के समय अपना उपवास तोड़ना होता है, इसलिए उन्हें सुबह जल्दी उठना होता है और पूजा करनी होती है और वे श्री हरि विष्णु का आशीर्वाद लेते हैं. यह व्रत इतना शक्तिशाली माना जाता है कि लोगों को सभी सांसारिक इच्छाएं जैसे सुख, समृद्धि और सभी विलासिताएं मिलती हैं और जब भक्त मरते हैं, तो उन्हें सीधे श्री हरि विष्णु के निवास वैकुंठ धाम में स्थान मिलता है.

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