नई दिल्ली: हिंदू धर्म में सिंदूर महिलाओं के बेहद पवित्र होता है. खासकर विवाहित महिलाओं के लिए क्योंकि सिंदूर सुहाग का प्रतीक माना जाता है. हिंदू धर्म में शादी तभी संपन्न होती है जब दूल्हा दुल्हन की मांग में सिंदूर लगाता है. विवाह के बाद महिलाएं सिंदूर लगाती है. सिंदूर सुहागिनों महिलाओं का मुख्य श्रृंगार माना जाता है. क्या आप जानते हैं शास्त्रों में सिंदूर लगाने के कुछ नियम है. माना जाता है कि नियम अनुसार सिंदूर लगाने से सुहाग हमेशा सलामत रहता है. आइए जानते हैं उन विशेष नियम के बारे में.
कब लगाना चाहिए सिंदूर
मान्यता के अनुसार मां पार्वती भगवान शिव के लिए सिंदूर लगाती हैं. इसलिए मां को सिंदूर चढ़ाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि सुहागिन महिलाओं को पूजा पाठ के दौरान मांग में सिंदूर जरूर लगाना चाहिए.
हफ्ते में इस दिन जरूर लगाएं सिंदूर
हिंदू धर्म के अनुसार महिलाओं को रविवार, सोमवार और शुक्रवार को बाल धोलकर सिंदूर लगाना चाहिए. सिंदूर लगााने से पहले मां गौरी को सिंदूर जरूर चढ़ाए. माना जाता है कि मां गौरा को चढ़ाया हुआ सिंदूर लगाने से अखंड सौभग्य का वरदान मिलता है.
व्रत के दिन जरूर लगाएं सिंदूर
पति की लंबी की उम्र के लिए महिलाएं कई तरह के व्रत करती हैं जैसे करवा चौथ, वट सावित्री पूज और तीज. ऐसे में इन व्रत के दौरान सिंदूर जरूर लगाना चाहिए. यह व्रत सुहागिन महिलाएं के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं.
कब सिंदूर नहीं लगाना चाहिए
हिंदू मान्यता के अनुसार पीरियड्स के दौरान महिलाओं को सिंदूर नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि शास्त्रों में सिंदूर को बेहद शुभ माना जाता है. वहीं पीरियड्स के दौरान महिला को अशुद्ध माना जाता है. इसलिए इस दौरान सिंदूर लगाने की मनाही होती है.
मंगलवार को नहीं लगाना चाहिए सिंदूर
शास्त्रों के अनुसार मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन होता है. इस दिन भगवान हनुमान को सिंदूर चढ़ाया जाता है. हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं इसलिए मंगलवार के दिन सिंदूर नहीं लगाना चाहिए.
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