नई दिल्ली. Maha Ashtami pujan vidhi देवी दुर्गा के नौ रूपों में महागौरी आठवीं शक्ति स्वरूपा हैं. महागौरी आदी शक्ति हैं. इनके तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाश-मान होता है. इनकी शक्ति अमोघ फलदायिनी है. देवी महागौरी की अराधना से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. देवी का भक्त जीवन में पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी बनता है.
छेवी भागवत पुराण के अनुसार, नवरात्र की अष्टमी तिथि को मां को नारियल का भोग लगाने की पंरपरा है. भोग लगाने के बाद नारियल को या तो ब्राह्मण को दे दें अन्यथा प्रशाद रूप में वितरण कर दें. जो भक्त आज के दिन कन्या पूजन करते हैं, वह हलवा-पूड़ी, सब्जी और काले चने का प्रसाद विशेष रूप से बनाया जाता है.
मां महागौरी पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं.
मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है.
- मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें.
- मां को रोली कुमकुम लगाएं.
- मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें.
- मां महागौरी को काले चने का भोग अवश्य लगाएं.
मां महागौरी का अधिक से अधिक ध्यान करें.
- मां की आरती भी करें.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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