Govatsa Dwadashi 2022: गोवत्स द्वादशी पर गाय की करें पूजा, जानें आज दूध पीना क्यों होता है अशुभ

Govatsa Dwadashi 2022: गोवत्स द्वादशी के दिन गाय-बछड़े की पूजा करने और व्रत करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है. गाय, भगवान श्रीकृष्ण को अतिप्रिय है. माना जाता है कि गो माता में सभी देवी-देवता विद्यमान हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 22, 2022, 11:38 AM IST
  • हर विपत्ति से होती है संतान की रक्षा
  • गाय के दूध से बने हुए पदार्थ वर्जित
Govatsa Dwadashi 2022: गोवत्स द्वादशी पर गाय की करें पूजा, जानें आज दूध पीना क्यों होता है अशुभ

नई दिल्ली. Govatsa Dwadashi 2022 कार्तिक कृष्णपक्ष की द्वादशी को गोवत्स द्वादशी का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व पर गाय और बछड़े की पूजा करने की परंपरा है। यह व्रत बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान की हर विपत्ति से रक्षा होती है. गोवत्स द्वादशी का पर्व संतान के जीवन में प्रसन्नता आने का सूचक है.

माना जाता है कि सभी देवी-देवताओं एवं पितरों को एक साथ प्रसन्न करना है तो गोसेवा से बढ़कर कोई अनुष्ठान नहीं है. मान्यता है कि गोमाता को दिया एक ग्रास सभी देवी-देवताओं तक पहुंच जाता है. इस दिन गाय के दूध से बने पदार्थ आज वर्जित हैं इस दिन सिर्फ भैंस के दूध से बनी हुई चीजें इस्तेमाल की जाती हैं. शाम को भी गाय की पूजा करें.

सभी तीर्थ गोमाता में हैं और ऐसा माना जाता है कि गोमाता के दर्शन मात्र से ऐसा पुण्य फल मिलता है, जो यज्ञ, दान करने से भी प्राप्त नहीं होता.
इस दिन महिलाएं अपने बेटे की दीर्घायु के लिए और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत करती हैं. शास्त्रों में इसका महात्म्य बताया गया है. इस दिन अगर महिलाएं गौ माता की पूजा करती हैं और रोटी समेत हरा चारा खिलाती हैं तो उनके घर में मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है.

गोवत्स द्वादशी पूजा विधि  
- गोवत्स द्वादशी के दिन स्नान करके साफ वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प लें.
- इसके बाद गाय और उसके बछड़े को स्नान करवाकर दोनों को नए वस्त्र ओढ़ाएं.
- गाय और बछड़े को फूलों की माला पहनकर उनके माथे पर तिलक लगाएं.
- गऊ माता को हरा चारा, अंकुरित मूंग, मौठ, चने व मीठी रोटी एवं गुड़ आदि श्रद्धा से खिलाएं.
- गाय की पूजा कर, गाय को स्पर्श करते हुए क्षमा याचना कर परिक्रमा करें.
- अगर घर के आस-पास गाय व बछड़ा नहीं मिले तो शुद्ध गीली मिट्टी के गाय-बछड़े बनाकर उनकी पूजा का सकते हैं.
- इस दिन महिलाओं को चाकू से कटा हुआ न तो बनाना चाहिए और न ही खाना चाहिए.  

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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