जानिए क्या है मांगलिक दोष? क्यों विवाह और वैवाहिक जीवन में आती है समस्याएं

Manglik Dosh: हिंदू धर्म में मांगलिक दोष को सीधे विवाह से जोड़ कर देखा जाता है. ज्योतिष शास्त्र कहता है कि मांगलिक का विवाह मांगलिक से करवाना सही होता है क्योंकि दोनों के विवाह से मांगलिक दोष स्वत: ही समाप्त हो जाता है.

Written by - Manish Pandey | Last Updated : Dec 27, 2022, 03:53 PM IST
  • मांगलिक दोष क्यों होता है?
  • कब माना जाता है मांगलिक दोष?
जानिए क्या है मांगलिक दोष? क्यों विवाह और वैवाहिक जीवन में आती है समस्याएं

Manglik Dosh: ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल पहले, चौथे, 7वें, 8वें और 12वें भाव में हो तो व्यक्ति मांगलिक दोष से पीड़ित माना जाता है. मांगलिक दोष मंगल ग्रह की स्थिति के कारण होता है. इसकी वजह से जातक की कुंडली में ऐसे संयोजन बनते हैं कि न केवल विवाह प्रस्तावों में बल्कि वैवाहिक जीवन में भी लगातार समस्याएं बनी रहती हैं.

ज्योतिष शास्त्र में यह सलाह दी जाती है कि मांगलिक व्यक्ति को मांगलिक से ही विवाह करना चाहिए. गैर मांगलिक से वैवाहिक की स्थिति में जीवन में क्लेश और दुख आते हैं और कभी-कभी जीवनसाथी की जान तक जा सकती है. ज्योतिष शास्त्र कहता है कि 28 वर्ष बाद यानी 29वां वर्ष होते ही कुंडली में मंगल दोष स्वतः ही समाप्त हो जाता है. इसके बाद जातक किसी से भी विवाह कर सकता है.

मांगलिक दोष क्यों होता है?
शास्त्रों में मंगल को क्रोध, पराक्रम और सौभाग्य का कारक माना गया है. यदि कुंडली में मंगल ग्रह दूषित हो तो जातक क्रोधी, अहंकारी और पराक्रमी होता है. यदि ऐसे जातक का विवाह गैर मांगलिक से हो तो मांगलिक जातक अपने आवेश, क्रोध, पराक्रम और क्रोध से दूसरे साथी को दबाने का प्रयास करेगा. ऐसे में शादी सफल नहीं हो सकती है.

कब माना जाता है मांगलिक दोष?
मांगलिक दोष व्यक्ति के विवाह संबंधी कार्यों में विघ्न उत्पन्न करता है.यदि कुंडली के सप्तम भाव में मंगल हो तो विवाह के मुहूर्त में बाधाएं आती हैं और विवाह के बाद भी परेशानियां बनी रहती हैं. परन्तु चतुर्थ भाव में मंगल हो तो जातक का विवाह समय से पहले हो जाता है. कम उम्र में शादी हो जाने पर शादी में दिक्कतें आती हैं और सफल नहीं हो पाती हैं.

अगर कुंडली के 8वें भाव में मंगल स्थित हो तो मांगलिक जातक के जीवनसाथी की मृत्यु होने की संभावना बनती है. इसी के डर से मांगलिक जातकों को मांगलिक जीवनसाथी की तलाश की जाती है. नकारात्मक पहलू को खत्म करने के लिए जातक का विवाह पहले पीपल के पेड़, घड़े या शालिग्राम से किया जाता है ताकि मृत्यु योग दूर हो जाए.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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