Sankashti Chaturthi आज द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की आराधना करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है. हिंदू धर्म में इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है. इसी दिन भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश को सभी देवताओं में श्रेष्ठ घोषित किया था. इसी कारण संकष्टी चतुर्थी को महिलाओं द्वारा परिवार की भलाई के लिए व्रत रखा जाता है.
संकष्ठी संस्कृत का शब्द है. इसका अर्थ परेशान या कठिन समय से मुक्ति होता है. इसलिए इस दिन भगवान गणेश की पूजा करनेसे जातक को शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. इस दिन भगवान गणेश को समर्पित वैदिक मंत्रों का पाठ करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है. भक्त विशेष रूप से संकष्टी चतुर्थी पर गणेश अष्टोत्र, संकष्टनाशन स्तोत्र और वक्रतुंड महाकाय का जाप करते हैं.
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि फरवरी 09, 2023 को सुबह 06 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 10 फरवरी, 2023 को सुबह 07 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी.
संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें.
- घर के मंदिर की साफ सफाई करें.
- भगवान गणेश को उत्तर दिशा की तरह मुंह करके जल अर्पित करें.
- भगवान को जल अर्पित करने से पहले उसमें तिल डाल लें.
- संकष्टी चतुर्थी के दिनभर व्रउपवास रखें.
- शाम के समय विधि-विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा करें.
- अब भगवान गणेश की आरती करें और भोग लगाएं.
- चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें.
- लड्डू या तिल खाकर व्रत का पारण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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