उत्पन्ना एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 5 काम, पैसों की परेशानी से हो जाएगा जीना हराम

Utpanna Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. इस दिन तीनों लोकों के स्वामी भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. शास्त्रों की मानें, तो एक साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं. इस महीने की 8 तारीख यानी 8 दिसंबर को उत्पन्ना एकादशी पड़ रही है. मान्यता है कि इस दिन पूरी विधि विधान से भगवान विष्णु की आराधना करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Dec 6, 2023, 03:08 PM IST
  • द्वादशी पर किया जाता है व्रत का पारण
  • उत्पन्ना एकादशी पर क्या न करें
उत्पन्ना एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 5 काम, पैसों की परेशानी से हो जाएगा जीना हराम

नई दिल्लीः Utpanna Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. इस दिन तीनों लोकों के स्वामी भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. शास्त्रों की मानें, तो एक साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं. इस महीने की 8 तारीख यानी 8 दिसंबर को उत्पन्ना एकादशी पड़ रही है. मान्यता है कि इस दिन पूरी विधि विधान से भगवान विष्णु की आराधना करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है. 

द्वादशी पर किया जाता है व्रत का पारण 
उत्पन्ना एकादशी पर व्रत रखने, भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने और तीर्थ स्थानों पर दान स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसके अलावा पितरों को भटकती आत्मा को भी शांति और स्वर्ग की प्राप्ति होती है. एकादशी के अगले दिन द्वादशी पर व्रत का पारण किया जाता है. शास्त्रों की मानें, तो इस दिन हमें कुछ कामों को करने से बचना चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में, जिन्हें करने पर मनाही होती है. 

1. शास्त्रों की मानें, तो इस दिन किसी भी इंसान को चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से व्यक्ति का जन्म रेंगने वाले कीड़े के रूप में होता है. शास्त्रों की मानें, तो इस दिन व्रत न करने वाले लोगों को भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. 

2. शास्त्रों की मानें, तो इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के साथ ब्रह्मचर्य नियम का भी पालन करना चाहिए. इस दिन अपने पार्टनर के साथ भूलकर भी शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए. 

3. उत्पन्ना एकादशी के मौके पर गुस्सा करने से बचना चाहिए. अन्यथा किसी तरह के फालतू के विवाद में पड़ सकते हैं. 

4. उत्पन्ना एकादशी के अगले दिन दान करने का विशेष महत्व है. शास्त्रों की मानें, तो इस दिन जो लोग ब्राह्मणों को खाना खिलाते हैं, उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत फलदायी माना जाता है. 

5. उत्पन्ना एकादशी पर सात्विक भोजन करना चाहिए. इस दिन किसी भी कीमत पर मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. 

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